
उत्तराखण्ड
2 नवंबर को बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट, आठ क्विंटल फूलों से सजेगा मंदिर
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में दीपावली के पावन अवसर पर दीपोत्सव के साथ शीतकालीन कपाटबंदी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. उत्तराखंड के चारधामों में से गंगोत्री और यमुनोत्री में सबसे पहले कपाटबंदी होती है. गंगोत्री धाम में दो नवंबर को अन्नकूट पर्व के अवसर पर कपाट बंद किए जाएंगे, जबकि इस प्रक्रिया की शुरुआत एक नवंबर से दीपोत्सव के आयोजन के साथ हो रही है. गंगोत्री मंदिर को सजाने के लिए आठ क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा.
वहीं, यमुनोत्री धाम में भी बुधवार से ही दीपोत्सव शुरू कर दिया गया है। चारधामों के शीतकाल के लिए कपाटबंदी का क्रम गंगोत्री व यमुनोत्री धाम से शुरू होता है। आगामी दो नवंबर को अन्नकूट के पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि कपाटबंदी की प्रक्रिया एक नवंबर को दीपोत्सव से शुरू होगी। धाम में पटाखे तो नहीं फोड़े जाएंगे। लेकिन गंगा मंदिर के साथ गंगा घाट को दीपों से सजाया जाएगा।
12:14 मिनट पर बंद किए जाएंगे गंगोत्री धाम के कपाट
बताया कि गंगा मंदिर को भी करीब 7 से 8 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा। बताया कि कपाट बंदी की प्रक्रिया 2 नवंबर को सुबह चार बजे से शुरू होगी। इस दौरान विशेष आरती व पूजन कर मां भगवती गंगा के स्वर्ण विग्रह को उनकी डोली में विराजित किया गया जाएगा। साथ ही चांदी के अखंड दीपक में छह माह के लिए घी-तेल आदि डाला जाएगा। बताया कि 12:14 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
उधर, यमुनोत्री धाम में बुधवार से ही दीपोत्सव शुरू कर दिया गया है। पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरूषोत्तम उनियाल ने बताया कि मां यमुना के मंदिर के साथ यमुना नदी तट पर दीपक जलाएं जा रहे हैं। साथ ही उनके खरशाली गांव स्थित मायके पर भैयादूज के पावन पर्व पर रात्रि को भजन कीर्तन संध्या का आयोजन किया जाएगा।