उत्‍तराखंड बजट सत्र हंगामे के बीच हुआ शुरू, विपक्ष ने सत्र अवधि पर किया विरोध

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उत्‍तराखंड बजट सत्र हंगामे के बीच हुआ शुरू, विपक्ष ने सत्र अवधि पर किया विरोध

विधानसभा सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ शुरू हुई. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जहां विपक्ष ने सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर हंगामा काटा. वहीं भू कानून, मूल निवास और रोजगार देने की मांग को लेकर पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि पुलिस ने कुछ ही देर बाद उन्हें हिरासत में ले लिया.

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 18 फरवरी से 20 फरवरी तक चलेगा. सत्र की शुरुआत राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण से हुई, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने इसे लेकर जमकर विरोध किया. कांग्रेस के तमाम विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी की और सत्र की अवधि को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच तीखी बहस हो गई. स्थिति गर्म होते देख मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हस्तक्षेप करना पड़ा, जबकि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मदन बिष्ट को शांत कराया.
विपक्षी विधायकों ने सत्र की अवधि मात्र तीन दिन रखने को अनुचित बताया. कांग्रेस विधायकों का कहना था कि इतने कम समय में जनता के सवालों पर समुचित चर्चा संभव नहीं है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने विपक्ष के विरोध पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में एजेंडा तय किया जाता है, तब विपक्ष के नेता चुप क्यों रहते हैं? अब मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं, जो निराधार हैं.
वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 20 फरवरी को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल दोपहर 12:30 बजे बजट पेश करेंगे. बजट का आकार एक लाख करोड़ से अधिक होने की संभावना है. सरकार का मुख्य फोकस महिला, युवा, गरीब, किसान और अवस्थापना विकास पर रहेगा. सत्र के दौरान सरकार दो विधेयक और तीन अध्यादेश पेश करेगी. उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान (संशोधन) विधेयक 2025 और उत्तराखंड निक्षेपक जमाकर्ता हित संरक्षण (वित्तीय अधिष्ठानों में) निरसन विधेयक 2025 पेश करेगी.
इसके अलावा उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय अध्यादेश-2024, उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान संशोधन अध्यादेश-2024, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) द्वितीय संशोधन अध्यादेश-2024 पेश करेगी.

इस बार का विधानसभा सत्र पूरी तरह पेपरलेस होगा. सदन में विधायकों के बैठने की जगह टैबलेट लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से वे एजेंडा और अन्य दस्तावेज डिजिटल रूप में प्राप्त कर सकेंगे. यह पहल पारदर्शिता और आधुनिकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सभी दलों से सहयोग की अपील की ताकि सत्र की कार्यवाही शांतिपूर्ण और गरिमामय तरीके से संचालित हो. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास रहेगा कि राज्य के विकास और जनहित के मुद्दों पर अधिकतम चर्चा हो. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि सत्र की अवधि कम होने के बावजूद इसमें सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी.

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