
प्राणायाम : यह कहना गलत नहीं होगा कि प्राणायाम मानसिक और शारीरिक दोनों ही प्रकार की सेहत को गजब का बूस्ट देने वाले अभ्यास हैं। दिनचर्या में नियमित रूप से कई तरह के प्राणायाम अभ्यास को जरूर शामिल किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि संपूर्ण सेहत को बेहतर बनाए रखने में किन प्राणायाम अभ्यास से आपको लाभ मिल सकता है?
प्राणायाम के अभ्यास को संपूर्ण स्वास्थ्य को अद्भुत लाभ प्रदान करने का सबसे कारगर तरीका माना जाता है। प्राणायाम का लक्ष्य शरीर और मन के बीच संबंध को मजबूत करना है। शोध के अनुसार, नियमित रूप से प्राणायाम का अभ्यास करना शरीर और मस्तिष्क को आराम दिलाने के साथ एकाग्रता को बढ़ाने और सकारात्मक ऊर्जा के संचार में आपकी मदद कर सकता है। आमतौर पर प्राणायाम को सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य लाभ से ही जोड़कर देखा जाता रहा है पर अध्ययनों में इसे फेफड़ों के कार्य, रक्तचाप और शरीर के अन्य अंगों की सक्रियता को बढ़ाने का भी सबसे कारगर तरीका माना जाता है।
कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचाने में कपालभाति प्राणायाम के दैनिक अभ्यास को विशेष लाभप्रद बताया गया है। यह पाचन संबंधी समस्याओं में सुधार करके गैस्ट्रिक से संबंधित दिक्कतों को कम करने में मदद करने वाला अभ्यास है। इसके अलावा इस योगासन को करने से अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है। यह एंडोर्फिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे आपका मूड सही बना रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम
वैकल्पिक तौर पर दोनों नाक से सांस लेने के इस अभ्यास को अध्ययनों में कई तरह से शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में इसके कई तरह के लाभ हो सकते हैं। धैर्य, ध्यान और शारीरिक नियंत्रण को बेहतर बनाए रखने के साथ तनाव और चिंता से राहत दिलाने में इस योग का अभ्यास विशेष लाभदायक माना जाता है। अध्ययनों में इसे मस्तिष्क, श्वसन और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने और भावनात्मक लाभ के लिए भी फायदेमंद पाया गया है।

भ्रामरी प्राणायाम
मानसिक शांति को बढ़ावा देने के साथ आत्म संतुष्टि बढ़ाने और तनाव को दूर करने में भ्रामरी प्राणायाम के लाभ सिद्ध होते हैं। यह नसों को शांत करता है जिससे बेहतर नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, ऐसे लोगों के लिए भ्रामरी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना बेहतर विकल्प हो सकता है। रोजाना प्राणायाम के लिए जरूर समय निकालें।

अस्वीकरण: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। (ई पोस्ट लाइव) epostlive लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।