हरीश-प्रीतम का वाकयुद्ध: बीच-बचाव करने उतरे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस नेताओं में कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत अघोषित तौर पर खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा बताते हुए आगे बढ़ रहे थे तो पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने की बात पर अड़े थे। विधानसभा चुनाव में हार और 2016 में हुई बगावत पर इन दिनों हरीश-प्रीतम के बीच जुबानी जंग जोरों पर है। इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मैदान में उतरते हुए वरिष्ठ नेताओं से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसी बातों से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है और पार्टी को नुकसान होता है। हरीश रावत जहां खुद और पार्टी की हार के लिए प्रीतम का नाम लिए बैगर उनकी ओर इशारा कर रहे हैं, वहीं प्रीतम ने भी खुले तौर पर मोर्चा खोल रखा है।  उन्होंने वर्ष 2016 में पार्टी में हुई बगावत के लिए सीधे तौर पर हरीश को जिम्मेदार ठहरा दिया। उनका कहना है कि वर्तमान में पार्टी की जो हालत है, उसके लिए वर्ष 2016 की बगावत प्रमुख वजह है। तब जो लोग कांग्रेस छोड़कर चले गए थे, उसकी वजह से आज पार्टी कमजोर हुई है। प्रीतम का कहना है कि किसी को भी इस बात का गुमान नहीं होना चाहिए कि उनकी वजह से हार-जीत होती है। कांग्रेस में शुरू से सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने की परंपरा रही है। 

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