
उत्तराखंड
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC )में एक के बाद एक भर्ती परीक्षाओं में घपले उजागर हो रहे हैं, लेकिन इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इससे परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे बेरोजगार अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। हर घपले के बाद आयोग सफाई देकर पल्ला झाड़ देता है।
स्नातक स्तरीय (वीपीडीओ) परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आखिर धंधेबाज आयोग की परीक्षा में हर बार सेंधमारी करने में कैसे सफल हो रहे हैं? वीपीडीओ परीक्षा से पहले भी जेई टेक्निकल व सहायक लेखाकार परीक्षा आयोग रद्द करनी पड़ी थी जबकि फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा सात केंद्रों पर नए सिरे से कराई गई।इससे बेरोजगार अभ्यर्थियों को नौकरियों के लिए अनावश्यक इंतजार करना पड़ा। इन परीक्षाओं में धांधली करने वाले असल शातिर पुलिस के शिकंजे में नहीं आ पाते, अन्यथा बार-बार परीक्षाओं में घपलों की नौबत नहीं आती। एक दिन पूर्व पुलिस ने वीपीडीओ परीक्षा का पेपर लीक करने मामले में जिन छह लोगों को गिरफ्तार किया, उनमें से दो कर्मचारी पहले आयोग में काम कर चुके हैं।पेपर लीक मामले में पुलिस की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद परीक्षा को लेकर आयोग फैसला लेगा। अभी पुलिस ने प्रारंभिक रिपोर्ट के बाबत भी जानकारी नहीं दी है।
संतोष बडोनी, सचिव, आयोग