
उत्तराखंड
उत्तरकाशी के डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में रेस्क्यू दल ने शुक्रवार को सात प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव बरामद किए। अब तक कुल 26 शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि तीन अभी भी लापता हैं। इनकी तलाश के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है।

द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन हादसे में इकलौते बेटे शिवम कैंथला की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शिवम के पिता संतोष कैंथला हादसे की खबर मिलते परिजनों के साथ उत्तरकाशी पहुंच गए थे। वह बेटे को गांव ले जाने आए थे लेकिन उन्हें अब उसका शव लेकर गांव नारकंडा लौटना पड़ा। हिमाचल प्रदेश के नारकंडा गांव के सेब बागवान संतोष कैंथला का शिवम कैंथला इकलौता बेटा था जो द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन की चपेट में आने वाले निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में शामिल था। बीते मंगलवार को हादसे के बाद जब परिवार को शिवम के लापता होने की सूचना मिली तो वह अगले ही दिन सुबह उत्तरकाशी पहुंच गए।उन्हें एक चमत्कार की उम्मीद थी कि उनका बेटा सहित दल के अन्य सदस्य सकुशल लौट आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शुक्रवार को हर्षिल से उत्तरकाशी लाए गए चार में से दो शवों की शिनाख्त हो चुकी थी। जब शेष दो शवों की शिनाख्त हुई तो एक शव शिवम कैंथला का निकला|
बीते बृहस्पतिवार को रेस्क्यू दल ने 15 शव बरामद किए थे लेकिन मौसम खराब होने के कारण इन शवों को जिला मुख्यालय नहीं भेजा जा सका था। जबकि शुक्रवार को बरामद शव भी नहीं भेजे जा सके। स्थिति यह है कि 26 शवों में सिर्फ चार शवों को ही जिला मुख्यालय भेजा जा सका।