
उत्तराखंड
उत्तराखंड में सरकार हाईकोर्ट के नियमितीकरण आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही है। हाईकोर्ट और श्रम न्यायाधिकरण कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश कर चुका है। इन्हीं आदेशों को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि एक ओर दूसरे राज्यों की सरकारें एक के बाद एक संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रही हैं। मौजूदा समय में यूपीसीएल का पूरा सप्लाई सिस्टम संविदा कर्मचारियों के हाथ में है। ऑफिस का मिनिस्टीरियल काम भी पूरी तरह उपनल कर्मियों के हाथों में है। इन कर्मचारियों को नियमित करने को श्रम न्यायाधिकरण और हाईकोर्ट तक आदेश कर चुकी है।उपनल संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि इन आदेशों को लागू करने की बजाय सरकार कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट में करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है। पहले हाईकोर्ट में करोड़ों रुपये खर्च हुआ और अब सुप्रीम कोर्ट में पैसाा पानी की तरह बहाया जा रहा है। जो सीधे तौर पर कर्मचारियों के साथ अन्याय है। सरकार जल्द दूसरे राज्यों का अनुसरण करते हुए कोर्ट के आदेशों को लागू करते हुए संविदा कर्मचारियों को नियमित करे।