वीर चंद्र सिंह गढ़वाली आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान श्रीनगर में फिर आया रैगिंग का मामला, सात MBBS छात्र हॉस्टल से निष्कासित

उत्तराखंड

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान(श्रीनगर मेडिकल कॉलेज) में एमबीबीएस सत्र 2021 के छात्र-छात्राओं की रैगिंग का मामला प्रकाश में आया है। जिस पर कॉलेज प्रशासन ने एमबीबीएस सत्र 2019 और 2020 के सात एमबीबीएस छात्रों को तत्काल प्रभाव से छात्रावास से स्थायी रूप से निष्कासित कर दिया है। साथ ही उन्हें तीन माह के लिए शैक्षणिक गतिविधियों से भी निलंबित किया गया है।जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में 11 नवंबर को नव आगंतुक छात्रों के लिए हॉस्टल शिफ्टिंग के दौरान सीनियर छात्रों ने अपने जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग की। हालांकि कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह मामला आपसी विवाद से जुड़ा हुआ था। जिसमें सीनियर छात्रों ने अपने जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग की।जिस कारण रैगिंग की अति गंभीर घटनाओं में शामिल होने पर एमबीबीएस वर्ष 2019 के सौरभ कुमार, शादाब अहमद, हर्षित राज, शोबान अहमद, गुल मुहम्मद व वर्ष 2020 के अक्षित सैनी एवं नितिन सिंह को छात्रावास से स्थायी रूप से निष्कासित एवं शैक्षणिक गतिविधियों से तीन माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. सीएमएस रावत ने इस संदर्भ में आदेश जारी किए हैं।

मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि हॉस्टल शिफ्टिंग के दौरान यह मामला हुआ है। कहा किसी अभिभावक की ओर से उन्हें इस बात की जानकारी दी गई। जिस पर तत्काल प्रभाव से इसकी जांच कराई गई। जांच में सत्यता पाए जाने पर छात्रावास से सात छात्रों के निष्कासन व तीन माह के लिए शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबन की कार्यवाही अमल में लाई गई है। इधर चीफ हॉस्टल वार्डन डा.पुष्पेंद्र ने बताया कि आरोपों पर हॉस्टल वार्डन के स्तर भी जांच हुई है।उनकी जांच आख्या के आधार पर चीफ वार्डन के स्तर से भी प्राचार्य को कार्यवाही की संस्तुति की गई थी। उन्होंन बताया कि कॉलेज प्रशासन ने कैंपस में रैगिंग जैसी घटनाओं में शामिल न होने के निर्देश दिए हैं। यदि कोई इस तरह का प्रकरण आता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छात्रावासों में अनुशासन बनाए रखने के लिए छात्रों को निर्देश दिए गए हैं।

हॉस्टल शिफ्टिंग के दौरान जूनियर छात्रों के साथ सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग किए जाने की शिकायत किसी अभिभावक के द्वारा मिली थी। जिसकी जांच कराई गई। जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की गई है। छात्रों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति ना हो। कहा कि यदि कोई दुबारा पकड़ा गया तो पूरे शैक्षणिक सत्र से निलम्बन की कार्यवाही की जाएगी।
डा. सीएमएस रावत, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल।

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