
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर के उत्तरायणी मेले का वर्चुअली उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बागेश्वर जिला रेलवे मानचित्र में दर्ज होगा। सर्वे कार्य में तेजी आएगी। टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग प्रगति प्रदान की जाएगी। बागेश्वर में खेल मैदान, गरुड़ गोलू मार्केट को विनियमित करने कपकोट-धरमघर मोटर मार्ग का जीर्णोंद्वार करने की घोषणा की।कहा कि मकर संक्रांति पर्व का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। यह पर्व शुभ मुहूर्त का दिन है। इसे पुण्यकाल भी माना जाता है। पैराणिक काल से पर्व का महत्व है। तकनीकी कारणों से वह मेले के उदघाटन पर नहीं पहुंच सके। जिस पर वह खेद प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि मेला बचपन का शौक रहा है।लोक संस्कृतिक को बढ़ाने के लिए सरकार प्रत्यनशील है। उत्तरायणी राष्ट्र और प्रकृति को नजदीक से समझने का पर्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र के मार्गदर्शन में देश आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड को अग्रणीय राज्य बनाना है। सरकार और संगठन लगातार प्रत्यशील है। प्रदेश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र राज्य आगे बढ़ेगा।
उत्तरायणी मेले का झांकी के साथ आगाज हो गया है। 10 दिनों तक चलने वाले मेले की झांकी में विविध रंग दिखे। कलाकारों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। मदकोट का नगाडा और रानीखेत सेना का बैंड के साथ ही स्कूली बच्चों ने धूम मचा दी। तहसील परिसर पर झांकी का प्रारंभ हुआ। वह शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए नुमाशखेत मैदान पहुंची। यहां झांकी का समापन हुआ।झांकी में कुमाऊं-गढ़वाल के संस्कृति का बेजोड़ संगम रहा। इसके अलावा पंजाबी, गुजराती समेत अन्य भाषाओं की झांकी में स्कूली बच्चों ने जमकर ठुमके लगाए। कुमाऊं क ढोल, दमाऊ, नगाड़ा, बीनबाजा, तुतुरी, रणसिंग की गूंज ने झांकी का आकर्षण बढ़ा दिया। कुमाऊं रेजीमेंट के बैंड की धुन पर सैनिक भी झांकी में शामिल हुए। पिथौरागढ़ जिले के मदकोट का विशाल नगाड़ा और उसी थाप घंटों तक कानों में गुंजती रही। मुनस्यारी की महिलाओं ने स्थानीय नृत्य पेश कर सभी का ध्यान परंपरा की तरफ कर दिया।