
टिहरी
नया टिहरी नगर मास्टर प्लान में यह भी दर्ज है- नया टिहरी नगर प्रायः रिक्त तथा शुष्क पर्वतीय भाग पर नये सिरे से बसाया जा रहा है। ऐसी दशा में नये टिहरी नगर के आर्थिक आधार को मजबूत करने हेतु पर्वतीय क्षेत्र की विशिष्टताओं को दृष्टिगत रखते हुए खास तरह के उद्योगों को प्रश्रय देने की आवश्यकता होगी जिनमें इलैक्ट्रानिक उद्योग, वन पर आधारित उद्योग एवं पर्यटन पर आधारित उद्योग आदि हैं।
महायोजना शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर रही है।
1- हिल्ट्रान भवन 19वीं सदी की गलतियों को सुधारने में जुटा है।
2- बन्दरों की ताबड़तोड़ उछल-कूद खुद सबूत है।
3- सोमवार से शनिवार तक अधिकारी देहरादून आदि शहरों से आवश्यक पदार्थों के साथ यहां पर्यटन पर रहते हैं। सरकार को विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर नई टिहरी के लिए सप्ताह पांच दिनों और कार्यदिवस मनचाहे घोषित करना चाहिए।।
अतिरिक्त उपलब्धि- लखटकिया जुरांग कंसल्टेंसी की भविष्यवाणी के अनुसार इस तरफ एक-आध करोड़ देशी- विदेशी पर्यटक तो आ ही रहे होंगे। इसलिए एक होटल बनता है दूसरा बंद हो जाता है।
इसे भारत में मिनी स्विट्जरलैंड क्यों न माना जाये !