
टिहरी
आगामी 9 नवम्बर को उत्तराखण्ड राज्य अपना 24वां जन्मदिन धूमधाम से मनाएगा। उपलब्धियोंं के ढो़ल पीटे जाएंगे। अटल जी ने दिया है (!) राज्य निर्माण के इतिहास को इस एक वाक्य में समेटने की कोशिशों के बीच 2 अगस्त 1994 को जगह मिलेगी ? टिहरी गढ़वाल जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों की सूची…!
खण्डूड़ी सरकार ने मूल शासनादेश में संशोधन कर राज्य आंदोलन की शुरुआत का आधार वर्ष तय किया था- 1979। नौ साल बाद भी यह शासनादेश फाइल में बंद था, टिहरी की बात कर रहा हूँ, बाकी पता नहीं। सरकार राज्य आंदोलन के इतिहास को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल कर रही है धन्यवाद ! आपका ऐप सही दिशा में काम करेगा उम्मीद कर सकते है ?
सही दिशा में काम करेगा, तो एक बात याद आई है। नियमानुसार 2024 में प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं। हरिद्वार में भी ? हरिद्वार है तो उत्तराखण्ड में ही। इतने वर्षों में प्रदेश में पंचायत चुनाव एक साथ करवाने की व्यवस्था नहीं कर सके, नीतिगत समानता की अजब गजब मिसाल है।
हां, एक अप्रिय स्थिति शायद यह है कि 2 अगस्त 1994 को इन्द्रमणि बडोनी के नेतृत्व में उक्रांद ने पौड़ी में राज्य निर्माण के साथ जिन पांच मांगों को लेकर अनशन शुरू किया था, उनमें पंचायतों का परिसीमन भोगोलिक आधार पर करना भी था। जनसंख्या के आधार पर परिसीमन की नीति के तहत पहाड़ी क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों की संख्या एक तिहाई रहने वाली थी। इसके विरोध में आठों पहाड़ी जिलों में पंचायत चुनावों का भी बहिष्कार किया गया था। हरिद्वार में चुनाव तय समय पर हुए थे। दिक्कत यही है क्या ? लेकिन उसका ज्यादातर लाभ उठाने वाले भी तो भाजपा और कांग्रेसी ही हैं।