
टिहरी
बागेश्वर विधानसभा क्षेत्र का उप चुनाव परिणाम भाजपा के लिए राहत का अवसर है, चेतावनी भी! उत्तर प्रदेश में 80 बनाम 20 का खेल 40ः60 पर छूटा है। बताते हैं कि राम मंदिर को उड़ाने की धमकी देने वाला रामदास निकला कोई मूसा नहीं। उत्तराखंड को गिरवी रखने वाले भी खांटी हिन्दू ही हैं। ,
बागेश्वर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का गृह क्षेत्र है। प्रत्यक्ष- परोक्ष रूप से जैसे भी आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तराखण्ड में उनकी आवश्यकता होगी।
उत्तराखण्ड में लोकसभा चुनाव का मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना है। एनडीए और इंडिया के राष्ट्रव्यापी चुनावी संग्राम का कुछ लाभ तो कांग्रेस को मिलेगा। बावजूद यहां इसके अपने ही 36 घोड़े 56 लगाम के।
सबक यह भी है कि राज्य सरकार को कुछ बुनियादी मुद्दों पर ठोस निर्णय लेने चाहिए। कुछ वाचाल समूहों को खुश करने की तदर्थवादी नीतियों के परिणाम भी वैसे ही होते हैं। यहां की जमीन बिक जाएगी तो उत्तराखण्ड बचेगा- रहेगा कहां,,,। इतिहास इसी पर लिखा जाना है।
उक्रांद के पश्त नेताओं और स्वंयभू ,,, को कुछ दिन जुबानी धींगामुश्ती करने के लिए मैदान खाली है। अध्यक्षों की संख्या दहाई तक भी बढ़ाई जा सकती है। मैदान से पहाड़ चढ़ने के लिए तो हौसला और ईमान चाहिए !