
उत्तराखंड
इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा घेराव करने के लिए कूच किया। पुलिस ने विधानसभा से पहले प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगा कर पुलिस बल तैनात किया गया था।
बैरिकेडिंग पर इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ता और कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने पुलिस बल के साथ जोर आजमाईश कर बैरिकेडिंग को पार करने की कोशिश की मगर पुलिस बल ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। बैरिकेडिंग पर ही बैठ गये पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार बिन्दुखाता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि अतिक्रमण अघोषित के नाम पर बेघर करने के विरोध में आज हम धरना दे रहे है।
उन्होंने कहा कि पिछले 7 साल से राज्य के खत्तों, गोटों, पड़ावों, खालों में रहने वाले लोगों का जीवन कठिन होता जा रहा है। राज्य सरकार ने बिंदुखत्ता सहित दर्जनों ऐसे खत्तों और गोटों को वन भूमि अतिक्रमण घोषित किया है और एक सरकारी सूची जिसमें इनको अतिक्रमणकारी बताया गया है, सरकार द्वारा अब भी उसको वापस नहीं लिया गया है।
दूसरी तरफ इन बसासतों में रहने वाले लोग राजस्व गांव के दर्जे की मांग कर रहे हैं, और इनके साथ ही पथरी बाग 1,2,3, 4 में रहने वाले टिहरी विस्थापित भी अपना भूमिधरी अधिकार मांग रहे हैं। और गैंडीखत्ता में बसाये गये वन गुर्जर भाई भी भूमि धरी अधिकार मांग रहे हैं।
ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनको पिछले कुछ वर्षों के अंदर अतिक्रमणकारी बताकर उनसे उनकी रोजी-रोटी छीनी गई है। विगत 21 फरवरी को बिन्दुखत्ता वासियों ने राजस्व गांव के लिए हुंकार भरी, हम भी उसमें सम्मिलित हुये।हमने उस समय तय किया था कि उनकी इस हुंकार को हम देहरादून में ललकार में बदलेंगे,आज विधानसभा के सामने इंडिया एलायंस के सहयोगियों के साथ मिलकर एक धरना देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के धरने को समर्थन देने बिन्दुखत्ता से गिरिधर बम, कुंदन मेहता, नंदन दुर्गापाल, हरीश बिसौति, पुष्कर दानू, भुवन जोशी, रमेश कुमार, कैलाश पांडेय, इंदर पनेरा, राजेन्द्र चौहान, बसंत जोशी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कामरेड इंद्रेश मैखुरी ने किया। वही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने धरने को अपना समर्थन देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिन्दुखत्ता में अनेकों कार्य किये है सड़क संपर्क मार्ग से लेकर अन्य कार्य। बिन्दुखत्ता उत्तराखंड की शान और अभिमान, दोनों हैं।
यह खत्ते गोट आदि एक परंपरागत उत्तराखंड का दिग्दर्शन कराते हैं। हमारी उत्तराखंड की पहचान, किसी भी सरकार को इसको छीनने और कमजोर करने का हक नहीं दिया जा सकता है। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, डॉ जसविंदर सिंह गोगी, इंडिया गठबंधन से कामरेड समर भंडारी, कामरेड अशोक शर्मा,कामरेड राजेन्द्र नेगी, कामरेड सुरेन्द्र सिंह सजवाण, निर्मल बिष्ट,सीटू के लेखराज, कामरेड विक्रम, कामरेड कैलाश पांडेय, कामरेड सोहन सिंह रजवार, कामरेड अनंत आकाश, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, गरिमा दसौनी, महेंद्र नेगी गुरुजी, पूरन सिंह रावत,
अनुराधा तिवारी, वीरेंद्र पोखरियाल, हेमवती नंदन दुर्गापाल, इंद्र सिंह पनेरी, राजेन्द्र सिंह खनवाल, हरीश बिसौती,भूल चंद्रकोरी, गुरदयाल सिंह मेहता, हर्ष बिष्ट, राजेंद्र सिंह खनवाल, बलवंत सिंह, शंकर राम, रमेश सिंह राणा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
धरने के बाद अपनी मांगों का ज्ञापन सरकार की तरफ से उपस्थित उपजिलाधिकारी योगेश मेहता को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, कामरेड इंद्रेश मैखुरी, निर्मल बिष्ट व बिन्दुखत्ता से आये लोगो ने मिलकर संयुक्त रूप से दिया।