
उत्तराखंड
उत्तराखंड 5जी नेटवर्क के लिए पॉलिसी बनाने वाला देश का पहला राज्य बनने वाला है। राइट ऑफ वे पॉलिसी 2018 में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लेकर आईटीडीए ने बैठक की। प्रदेश में 2018 में नेटवर्क कनेक्टिविटी की राह आसान बनाने, मोबाइल टावर लगाने से लेकर दूरसंचार से जुड़ी गतिविधियों के लिए राइट ऑफ वे पॉलिसी 2018 लागू की गई थी। अब चूंकि 5जी नेटवर्क दीपावली के आसपास लॉन्च होने की उम्मीद है। इस नेटवर्क को उत्तराखंड में लाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की ओर से इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। इस पॉलिसी में संशोधन होने के बाद प्रदेश में 5जी नेटवर्क के लिए मोबाइल टावर लगाने से लेकर इसकी लाइन बिछाने तक का पूरा काम आसान होगा। इसके लिए केंद्र सरकार की नियमावली को एडॉप्ट किया जाएगा।
आईटीडीए की ओर से 5जी इंडिया नेटवर्क को उत्तराखंड में लाने के संबंध में बैठक हुई। बैठक में आईटीडीए के अपर निदेशक गिरीश गुणवंत ने वर्तमान में 5जी नेटवर्क के परिपेक्ष्य में उत्तराखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पांचवीं पीढ़ी के नेटवर्क को उत्तराखंड में लाने के लिए उचित नीति, आधारभूत संरचना और जागरुकता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। 5जी नेटवर्क को उत्तराखंड में सुगमता से लाने के लिए राइट ऑफ वे पॉलिसी में संशोधन के साथ ही सरकार, केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को एडॉप्ट करेगी। इस पर काम शुरू किया जा चुका है।
5जी की सेवा जल्द होगी शुरू
इस दौरान बताया गया कि देश के चुनिंदा शहरों में 5जी की सेवा जल्द शुरू हो सकती है, उत्तराखंड में दूसरे चरण में यह सेवा उपलब्ध होगी। इसके लिए यहां पर करीब 1200 मोबाइल टावर लगाए जाने हैं। इस दौरान तय किया गया कि उत्तराखंड सरकार भी जल्द केंद्र सरकार से जारी 5जी गाइडलाइन के मुताबिक अपनी वर्ष 2018 की पॉलिसी में बदलाव करेगी। इस बैठक में वरिष्ठ सलाहकार आलोक तोमर के साथ ही टेलीकॉम कंपनियों से धनंजय सिंह, दीपक पाल सिंह एवं प्रकाश चंद्र वशिष्ठ के अलावा दूरसंचार कंपनियों के अधिकारी भी मौजूद रहे।