
यूनिफार्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) के लिए गठित समिति ने वेबसाइट को लांच किया है। समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन के लिए वेबसाइट बनाई गई है। अब https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात सात अक्तूबर तक भेज सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपने सुझाव देने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है। देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए। प्रदेश के सभी नागरिकों और हितधारकों को एसएमएस और व्हाट्सएप पर पोर्टल के लिंक के साथ अपील भेजी जा रही है। जिसके माध्यम से वे अपने सुझाव एक माह के भीतर दे सकते हैं।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर उत्तराखंड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रासंगिक कानूनों – विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव व संरक्षता विषयक सहित – पर मसौदा कानून तैयार करने या मौजूदा कानून में संशोधन करने तथा समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।
महिलाओं से समानता के लिए सुझाव की अपील
एक सब कमेटी एक दिल्ली और दूसरी देहरादून में काम कर रही है। समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना देसाई ने महिलाओं से की समानता के लिए अधिक से अधिक सुझाव देने की अपील।
बीते दो अगस्त को नई दिल्ली के उत्तराखंड सदन में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली विशेषज्ञ समिति की बैठक न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में समान नागरिक संहिता को लेकर अभी तक बने कानूनों और विदेशों में बने इस तरह के कानूनों के संबंध में चर्चा हुई। यह देखा गया कि आखिर इन स्थानों पर क्यों इस तरह के कानून बनाने की जरूरत महसूस की गई।