
उत्तराखंड
ज्योतिष और द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की आयु में निधन हो गया। उन्होंने नरसिंहपुर के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में दोपहर साढ़े 3.21 बजे अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। स्वामी स्वरूपानंदजी स्वतन्त्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक, गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले तथा रामजन्मभूमि के लिए लम्बा संघर्ष करने वाले, गौरक्षा आन्दोलन के प्रथम सत्याग्रही, रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष, पाखण्डवाद के प्रबल विरोधी रहे थे। स्वामी स्वरूपानंदजी आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी। उनके निधन पर कई नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए शोक संवेदना व्यक्त की।