18 महीने से लापता युवक को परिवार से मिलाने में पेन और पेपर बना सहारा

उत्तराखंड

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में संदिग्ध गतिविधियों के शक पर ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस युवक को पकड़कर थाने ले आई थी। लेकिन, पुलिस की परेशानियां तब दोगुनी हो गईं जब पुलिस युवक के साथ कोई भी संवाद स्थापित नहीं कर पा रही थी। युवक की भाषा समझना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी। कुंडेश्वरी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बाद पुलिस ने पेपर और पेन का सहारा लिया था। बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर चीता मोबाइल मौके पर पहुंची उसे एक संदिग्ध के रूप में दबोच लिया। लंबे बाल और दाढ़ी के साथ वह चिंतित और बहुत गंदा लग रहा था। वह नंगे पांव था और फटे कपड़े पहने हुए था। सिंह ने कहा कि उससे पूछताछ की गई लेकिन पुलिसकर्मी उसकी भाषा समझने में नाकाम रहे। उसे पुलिस चौकी लाया गया और भोजन, नए कपड़े और स्लीपर उपलब्ध कराए गए। पुलिस ने अगले दिन उसे बाल कटवाए और नहलाया।पुलिस ने उससे उसके ठिकाने के बारे में पूछा लेकिन फिर से भाषा की समस्या का सामना करना पड़ा। वह भी पुलिस के सवाल को समझने की स्थिति में नहीं था क्योंकि वह तेलुगु बोल रहा था। पुलिस द्वारा दिए गए पेपर और पेन पर लापता युवक ने निम्माला अशोक कुमार, पेद्दापल्ली, जिला आदिलाबाद, और तेलंगाना लिया था।

पुलिस कर्मियों ने कागज पर लिखे मोबाइल नंबर पर फोन किया तो वह बंद था। इस दौरान पुलिस ने संबंधित थाने का नंबर इंटरनेट पर खंगाला और क्षेत्र निरीक्षक से संपर्क किया। सिंह ने कहा कि पुलिस ने उस व्यक्ति का पता और फोटो व्हाट्सएप पर भेजा। तेलंगना में पुलिस से संपर्क करने पर पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा बताया गया कि युवक मार्च, 2021 से लापता था।सिंह का कहना है कि पुलिस ने लगभग पांच दिनों तक उसकी देखभाल की और उसके परिवार के आने तक भोजन उपलब्ध कराया। हमने अगले दिन उस व्यक्ति को उन्हें सौंप दिया। व्यक्ति की तलाश और देखभाल के लिए परिवार ने उत्तराखंड पुलिस का आभार व्यक्त किया। उनके परिवार ने कहा कि उन्होंने उनके साथ फिर से मिलने की उम्मीद खो दी थी।

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