
टिहरी
गढ़ा मुक्त सड़क का नाम बताने
वाले व्यक्ति को कांग्रेस करेगी सम्मानित राकेश राणा।
टिहरी जिले में यदि कोई भी व्यक्ति किसी ऐसी सड़क का नाम बता दे जिसमें कोई भी गढ़ा न हो तो कांग्रेस पार्टी उस व्यक्ति को सम्मानित करेगी विगत कई महीनों से प्रदेश के मा.मुख्य्मंत्री जी गढ़ा मुक्त सड़क का नारा दे रहे है, उनके विधायक आम लोगों से गढ़े वाली सड़क का नाम और फोटो मांग रहे है, यक्ष प्रश्न यह है, कि क्या माननीय मुख्यमंत्री जी, मा.विधायक गण और भारी भरकम खर्चे वाला लोक निर्माण विभाग या अन्य निर्माणदाई संस्थाओं को सड़कों के गढ़े नज़र नही आ रहे है ? क्या इनकी आंखों पर पट्टी बंधी है ? यह तो निर्लजता है उन महकमो की जिनका यह रेगुलर कार्य है, टिहरी जिले सहित टिहरी विधान सभा क्षेत्र की ऐसी कोई सड़क नही है जिसमें गढ़े न हो, कई सड़के तो इतनी खराब है, कि कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है, एक साल से सड़कों का काम काज करने वाले विभाग सड़को के किनारे उगी झाड़ झंकाड़ को भी साफ नही कर पाए है, गढ़े भरना तो इनके लिए दूर की कौड़ी है! हां जिस जगह पर मुख्य्मंत्री जाते है, वहां के गढ़े एक रात पहले भर दिए जाते है, किन्तु मुख्य्मंत्री के जाते ही वो गढ़े फिर से गढ़े बन जाते है।
गढ़े भरने के नाम पर सरकार और उनके नुमाइंदों का चार छ माह का समय व्यतीत हो जायेगा, और कुछ कार्यकर्त्ता गढ़े भरने की गोटी पा लेंगे, लेकिन यकीन मानिए गढ़े तब भी नही भरे जाएंगे, हां जनता का ध्यान बढ़ती महगाई, रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी, बेरोजगारी से भटकाने का यह प्रयास मात्र हो सकता है, इसलिए जनता से उन सड़को के नाम और फोटो मांगें जा रहें है,जिनमे गढ़े है।ताकि जनता कोई अन्य समस्या न बता दे, सच्चाई यह है कि ऐसी कोई सड़क नही है जिसमें गढ़े न हो,यह उन सभी राहगीरों को ज्ञात है, जो सड़क पर चलते है, यही हाल तब हुआ था ,जब हर घर नल योजना में सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं ने खूब बंदर बांट की थी लेकिन आज भी उन नलों में पानी नही है, उल्टा जो ग्राम सभाओं की पुरातन पेयजल लाइने थी उन्हे भी खराब कर दिया गया, बेतरतीबी से बिछाई गई पाइप लाइनें आज लोगो के लिए दुर्घटना का कारण बन रही है।
जनहित में सरकार को कांग्रेस के सुझाव
- गढ़ा मुक्त सड़के तभी हो सकती है जब सरकार युद्ध स्तर पर सड़कों का पूर्ण रुप से उच्च गुणवत्ता परक डामरीकरण करे ,विधायक और सांसद निधि का 50%धन अनिवार्य रूप से सड़को के निर्माण और सुधार में खर्च हो।
- चार धाम यात्रा मार्गो पर प्राथमिकता से हो डामरीकरण हो।
3.साइन बोर्डो पर भी हो उच्च गुणवत्ता की लिखाई और रात्रि में चमकीला स्टीकर।
- डेंजर जोन का चिन्हीकरण कर शीघ्र सुधार हो, ताकी कोई दुर्घटना न हो सके।
- किलोमीटर के पिलर राष्ट्रीय, राज्य और जिला मार्गो के अनुरूप किए जाएं दुरस्त ।
6.यात्रा सीजन में अधिकांश बसे टैक्सी, मैक्सी यात्रा में लगी होती है, जिससे स्थानीय रूटो पर सामान्य यातायात में भारी समस्या आती है, आर टी ओ को अभी से स्थानीय
यातायात को व्यवस्थित रखने के लिए कार्ययोजना बनानी चाहिए ताकि यात्रा सीजन में स्थानीय लोगों को परेशानी न हो।
- भागीरथी पुरम से नई टिहरी चम्बा तक और भागीरथी पुरम से बाया कोटी कालोनी चंबा तक हो तिरंगी लाइटिंग।
- टिहरी झील के चारो और यानी खांड खाले से टिपरी होते हुए घनसाली तक, टिपरी से अंजनीसैन तक और कोटी कालोनी से तल्ला उप्पू तक, पिपलडाली से प्रतापनगर तक, रजाखेत से होते हुए घनसाली तक हो लाइटिंग । (नोट:यह कार्य टीएचडीसी के CSR मद से हो सकता है)
- यात्रा मार्गो पर छोटे ग्रामीण बाजारों या जल स्रोतों वाले स्थानो पर यात्री रुकते है, इन सभी स्थानों का चिन्हीकरण कर वहां लाईटिंग,पेयजल, शौचालय व साफ सफाई की नियमित व्यवस्था अभी से की जाय।
- सभी चौक चौराहों पर सी सी टीवी कैमरे लगवाएं जाए, और चौक चौराहों पर अमर शहीदो, की प्रतिमाएं लगवाई जाय।
- यात्रा मार्गो या किसी भी सार्वजनिक मार्ग के किनारों पर गोबर के ढेर लगाना या किसी भी प्रकार से मार्ग को अवरूद्ध करने के खिलाफ प्रशासन कार्यवाही करे और मार्गो की सफाई पुख्ता करे।