टिहरी लोकसभा सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी आजमा सकते है अपना भाग्य

टिहरी

सूत्रों की माने तो बोर्ड परीक्षाओ के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव मे कई प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाएंगे.

यदि बात करें टिहरी लोकसभा सीट की तो टिहरी लोकसभा सीट से दो बार से महारानी राज्य लक्ष्मी शाह सांसद है. परन्तु इस बार उनका टिकट बीजेपी काट सकती है. महिला सीट यदि नही हुई तो इस बार टिहरी लोकसभा से पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी ताल ठोकने जा रहे हैं.उनकी जीवनी पर बात करें तो लाखी राम जोशी वह शख्सियत है वह चेहरा है जिन्होंने टिहरी जनपद में भाजपा मे अपनी कर्मठता से आमजन लोगों को जोड़ा. उस समय भाजपा में हर कोई आने से परहेज करता था,यहां तक की जोशी द्वारा कई बड़े आंदोलन किए गए जो सफल भी रहे.
जब 1990 में राम मंदिर निर्माण के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा शुरू की तो यात्रा बिहार में पहुंचते ही पूर्व मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने उन्हें हिरासत में लिया जिस से राम भक्त साधु सन्यासी भड़क उठे जगह-जगह जेल भरो आंदोलन शुरू हो गया था.

टिहरी के उस समय के युवा चेहरा लाखीराम जोशी भी इस राम मंदिर आंदोलन में कूद पड़े. उनको ढालवाला में तत्कालीन उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर पौड़ी जेल भेजा जहां से उनको अस्थाई जेल कॉसखेत (इंटर कॉलेज ) में रखा गया. वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी द्वारा 1991 में एकता यात्रा कश्मीर तक चलाई. लाल चौक में फहराएंगे तिरंगा उसमें भी लाखी राम जोशी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. उसके बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें मुलायम सिंह यादव को जनता ने नकार दिया. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की कल्याण सिंह तब मुख्यमंत्री बने. लाखीराम जोशी टिहरी से विधायक चुने गए मात्र दो ही विधायक होते थे टिहरी जनपद से. उत्तराखंड प्रदेश बना तो अंतरिम सरकार में लाखी राम जोशी कैबिनेट मंत्री रहे,अब उनके द्वारा लोकसभा के लिए मजबूत दावेदारी की जा रही है. लोगो का कहना है कि संगठन को चाहिए कि ऐसे पुराने निष्ठावान पार्टी के लिए समर्पित को ही टिकट दिया जाना चाहिए लोकसभा का क्योंकि कई नेता तो मौसम के अनुसार बदलते रहते हैं लेकिन जोशी जी वह शख्सियत है जो आज तक बीजेपी से जुड़े हुए हैं।

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