
टिहरी। टिहरी बांध से प्रभावित प्रतापनगर के लोगों के लिये एक सप्ताह पहले ही दीपावली की खुशी मिलेगी। कल यानि राज्य स्थापना दिवस के ठीक एक दिन पहले बहुप्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल प्रतापनगर की जनता को समर्पित होगा। 15 साल के लम्बे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत इस पुल की सौगात जनता को देंगे। वह घड़ी अब नजदीक है, जिसका प्रतापनगर क्षेत्र की जनता बेसब्री से इंतजार कर रही थी।
8 नवम्बर का दिन टिहरी बांध के कारण अलग थलग पड़े प्रताप नगर के लोगों के लिये ऐतिहासिक होगा। 8 नवम्बर यानि कल डोबरा- चांठी पुल का लोकापर्ण होते ही करीव 2 लाख की आबादी को लम्बे समय बाद कई परेशानियों से निजात मिलेगी। 15 साल के लम्बे इंतजार के बाद इस इलाके की जनता की आधी समस्यायें समाप्त हो जायेंगी। दीपावली कहें या राज्य स्थापना दिवस का, प्रतापनगर की जनता को यह सबसे बड़ा तोहफा होग। टिहरी बांध की झील बनने के बाद साल 2006 में प्रतापनगर और उत्तरकाशी की 2 लाख की आवादी के आवागमन की सुविधा के लिये डोबरा-चांठी पुल का निर्माण शुरू कराया गया था। कभी धन की कमी तो कभी तकनीकि खामियों के कारण यह पुल तय समय पर नही बन पाया पाया। प्रतापनगर के लोगों को जिला मुख्यालय नई टिहरी समेत, ऋषिकेश, देहरादून जाने के लिये अतिरिक्त दूरि तय करनी पड़ती थी, जिससे उन्हे आर्थिक नुकसान के साथ समय का खामियाजा उठाना पड़ता था। प्रताननगर के लोगों को बड़े ट्रकों, बसों को घनसाली ओर उत्तरकाशी से ले जान पड़ता था। 8 नवम्बर यानि कल सीएम त्रिवेन्द्र रावत पुल का लोकापर्ण करेंगे। इसके साथ ही बांध प्रभावित प्रतापनगर के लोगों की लम्बी तपस्या और संघर्ष खत्म हो जायेगा। जिला मुख्यालय से 30 से 35 कीलोमीटर की दूरि घट जायेगी और बड़ी बसें व ªटकों की आवाजाही भी हो सकेगी। कहा जा सकता है कि प्रतापनगर के लोगों के लिये यह दिन किसी दीपावली से कम नही होगा।