नैनीताल जू से दो बाघ अंबानी के चिड़ियाघर ट्रांसफर, कांग्रेस बोली- ‘उत्तराखंड से सब ले जाओ

उत्तराखंड

उत्तराखंड के नैनीताल जू के दो बाघ अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह क्षेत्र जामनगर के जू की शोभा बढ़ाएंगे. अब तक ये बाघ नैनीताल स्थित गोविंद बल्लभ पंत चिड़ियाघर में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र थे, लेकिन अब उन्हें गुजरात ट्रांसफर किया गया है. जिस पर कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस ने तंज भरे लहजे में कहा कि ‘लेना जानते हैं, कुछ दिया तो है नहीं’.जानकारी के मुताबिक, बीती 2 अप्रैल 2022 से बाघों के ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही थी. जिसकी प्रक्रिया हाल ही में पूरी हुई है. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से अनुमति मिलने के बाद दोनों ही बाघों को यहां से शिफ्ट किया गया है. बकायदा गुजरात से इन दोनों बाघों को ले जाने के लिए स्पेशल टीम और गाड़ी नैनीताल पहुंची थी. बता दें कि गुजरात के जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज दुनिया का सबसे बड़ा जू बनाने जा रही है.शिखा और बेताल गए गुजरातः नैनीताल के जू में बीते लंबे समय से यह बाघ मौजूद थे. जिन बाघों को जामनगर भेजा गया है, उसमें 3 साल की बाघिन शिखा और 16 साल का बाघ बेताल शामिल है. दोनों ही बाघ ने पर्यटकों के साथ ही जू अथॉरिटी का भी मन मोह लिया था. जू प्रशासन की मानें तो शिखा इंसानों से मिलनसार और मित्रता वाला व्यवहार करती थी. शिखा को 3 साल पहले नैनीताल के किशनपुर से रेस्क्यू किया गया था. वो अपने परिवार से बिछड़ गई थी. जिसे रानीबाग के रेस्क्यू सेंटर में रखा गया था. बाद में इसे नैनीताल जू लाया गया. ऐसा ही हाल 14 साल के बेताल का भी है. बेताल भी कुमाऊं स्थित बेतालघाट में तारों में फंस कर घायल हो गया था. जिसे रेस्क्यू टीम ने इलाज कर नैनीताल जू भेजा. तब से ये दोनों बाघ नैनीताल जू की शोभा बढ़ा रहे थे.
डीएफओ ने बताया नॉर्मल प्रोसेसः नैनीताल के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी (DFO Chandrashekhar Joshi) ने बताया कि इस तरह की प्रक्रिया पहले डीएफओ बीजूलाल टीआर के कार्यकाल में शुरू हुई. इन बाघों को भी चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से अनुमति पत्र मिलने के बाद ही जामनगर की टीम को सौंपा गया है.

जोशी बताते हैं कि ऐसा पहली बार नहीं है, इससे पहले भी अन्य जगहों में जानवर इस तरह से ट्रांसफर होते रहे हैं. ताकि बाघ संरक्षण और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए अच्छी पहल हो सके. उत्तराखंड में जंगली जानवरों की कमी नहीं हैं. फिलहाल, नैनीताल जू में 3 और बाघ हैं, जो पर्यटकों के लिए रखे गए हैं,
कांग्रेस बोली- दो टाइगर क्यों? सब उत्तराखंड से ले जाओः उत्तराखंड से बाघ गुजरात गए तो कांग्रेस को भी विरोध करने का मौका मिल गया. प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इसे उत्तराखंड का दोहन बताया है. उनका कहना है कि बीजेपी हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड से सिर्फ लेना जानते हैं, उसको कुछ देना नहीं आता है.उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने केदारनाथ में आपदा आई तो सिर्फ फोटो खिंचवाने का काम किया. जीएसटी का पैसा केंद्र सरकार ने अब तक नहीं दिया और अब रिलायंस के चिड़ियाघर में उत्तराखंड से दो बाघों को ले जाने वाला मामला भी यही दर्शाता है.

Epostlive.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *