सीएम धामी ने कहा- युवाओं का नहीं होने देंगे अहित, परीक्षाएं कराएंगे, दूसरे आयोग का सहयोग लेने के संकेत

पेपर लीक मामला उजागर होने और उसे लेकर उठे सवालों के बाद आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने शासन को एक पत्र भेजा था कि जब तक सरकार परीक्षा नियंत्रक की तैनाती नहीं करेगी, आयोग की प्रस्तावित परीक्षाएं नहीं होंगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उम्मीदवारों का अहित नहीं होने देंगे, भर्ती परीक्षाएं कराएंगे। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रस्तावित परीक्षाएं कराने के लिए दूसरे आयोग का सहयोग लिया जा सकता है, उन्होंने लोक सेवा आयोग का नाम लिए बगैर कहा कि इस विकल्प पर सरकार विचार कर रही है।

पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे कोई कितना भी बड़ा हो, यदि मामले में दोषी पाया गया तो छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में बेहद सख्त है और इसकी तह तक पहुंचेगी। इस मामले में नए खुलासे सामने आ रहे हैं। आज भी कुछ और जानकारियां सामने आई है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि मामले के दोषियों को गिरफ्त में ले लिया जाएगा।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पेपर लीक मामले में गिरोह के रूप में नकल करने और कराने की बात सामने आई है। ऐसे में पुलिस कठोर से कठोर कार्रवाई करेगी ताकि आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जा सके। सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की जाएगी।डीजीपी ने बताया कि पूरे मामले में कड़ियां एक-दूसरे से जुड़ रही हैं। ऐसे में हो सकता है कि और भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी इसमें शामिल हों।

जांच के दौरान कुछ आरोपियों के पास से मोटी रकम भी बरामद हुई है। परीक्षा के प्रश्नपत्रों की लेनदेन में करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। ये रुपये विभिन्न लोगों को समय-समय पर दिए गए थे। आरोपियों के पास से कुल 83 लाख रुपये बरामद हुए हैं। इसके अलावा 40-50 लाख रुपये की संपत्तियों का भी पता चला है।

पेपर लीक मामले की जांच में एसटीएफ के 20 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी लगे हैं। डीजीपी ने कहा कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों को 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। 

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