नोएडा में सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर का 28 अगस्त को होगा ध्वस्तीकरण

नोएडा में रविवार दोपहर 2:30 बजे सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर गिरा दिए जाएंगे। इसमें पहली इमारत 32 तो दूसरी 29 मंजिला है। इन गगनचुंबी इमारतों के ध्वस्त होने में महज 12 सेकेंड लगेंगे, लेकिन इसके बाद धूल का जो गुबार उठेगा उसको लेकर हर कोई चिंतित है। 

कैसे गिराया जाएगा ट्विन टावर?
नोएडा में सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे महज 12 सेंकेंड में होगा। इससे ठीक 15 मिनट पहले एक्सप्रेसवे पर डायवर्जन व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। नोएडा एक्सप्रेसवे पर ब्लास्ट के बाद धूल हटने तक वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रहेगी। ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार शाम इसके लिए डायवर्जन प्लान जारी कर दिया है। लोग गूगल मैप का भी इस्तेमाल कर सकेंगे। इस पर ट्विन टावर व एक्सप्रेसवे पर डायवर्जन की व्यवस्था को अपडेट किया गया है। ट्विन टावर को जोड़ने वाले सभी मार्गों पर डायवर्जन लागू कर दिया गया है।रविवार सुबह सात बजे से इन मार्गों पर और सख्ती बरती जाएगी। सात बजे के बाद ट्विन टावर की तरफ किसी को नहीं जाने दिया जाएगा। हालांकि, टावर के आसपास की दो सोसाइटी एटीएस विलेज व एमराल्ड कोर्ट में रहने वाले लोगों को बाहर आने की इजाजत होगी।

टावरों के 9600 होल में विस्फोटक सामग्री
आईआईडीसी ने बताया कि ट्विन टावर को ध्वस्त किए जाने के लिए सीएसआईआर-सीबीआरआई के सहयोग से मुंबई की मेसर्स एडिफाइस इंजीनियरिंग एजेंसी का चयन किया गया है। एजेंसी ने पूर्व में कोचीन में ऐसी ही एक इमारत के सफलतापूर्वक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। इसे गिराने के लिए वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जोकि डिजाइन के अनुसार मनचाही दिशा में भवन को गिराने के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है। 

पिछले 10 अप्रैल को एक टेस्ट ब्लास्ट भी किया गया था, जिसके नतीजों के आधार पर सीबीआरआई ने संशोधित ब्लास्ट डिजाइन तैयार की है। टावर को ध्वस्त करने के लिए करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री को स्टोर किया गया है। दोनों टावर में 9600 होल किए गए हैं, जहां विस्फोटक को रखा जा चुका है और अब इन्हें चार्ज किया जा रहा है। 28 अगस्त को दोपहर में ठीक 2:30 बजे एक बटन दबाने के महज 12 सेकेंड के भीतर दोनों टावर जमींदोज हो जाएगी।

50 से 70 मीटर की दूरी से दबाया जाएगा बटन
 ब्लास्टर चेतन दत्ता का कहना है कि हम ट्विन टावर से लगभग 50-70 मीटर दूर होंगे। वहीं से बटन दबाया जाएगा। इसमें कोई खतरा नहीं होगा और पूरा यकीन है कि टावर सही तरीके से ढह जाएंगे। यह एक सरल प्रक्रिया है। हम डायनेमो से करंट उत्पन्न करते हैं और फिर बटन दबाते हैं, जो 9 सेकंड के भीतर सभी शॉक ट्यूबों में डेटोनेटर को प्रज्वलित कर देगा और बिल्डिंग जमींदोज हो जाएगी। लगभग 100 मीटर ऊंची इमारत को गिराने में लगे भारतीय और विदेशी ब्लास्टर की एक टीम को छोड़कर टावर के चारों ओर 500 मीटर के दायरे में किसी के भी आने की अनुमति नहीं होगी।

मलबे का कैसे होगा निस्तारण? 
मलबे के निस्तारण के लिए  सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लान तैयार किया है। कुल पैदा होने वाले अनुमानित 80,000 टन मलबे से स्टील व क्रंक्रीट को अलग किया जाएगा। करीब 50,000 टन मलबा ट्विन टावर के 2 बेसमेंट में समायोजित करने की तैयारी है, जबकि शेष 30,000 टन मलबे को नोएडा में निर्मित सीएंडडी प्लांट में वैज्ञानिक तरीके से टाइल्स आदि में बदला जाएगा। यह काम अगले 3 माह में पूरा होगा।

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