झारखंड: BJP नेत्री के घर 8 सालों से बंधक थी दिव्यांग लड़की, पुलिस ने किया रेस्क्यू तो उड़े होश

झारखंड में पुलिस ने बीजेपी नेत्री सीमा पात्रा के घर पर 8 सालों से बंधक दिव्यांग लड़की को आजाद करवाया. सीमा पात्रा के बेटे आयुष्मान ने घरेलू सहायिका सुनीता पर मां के जुल्मो-सितम की बात अपने दोस्त विवेक को बताई थी. विवेक ने रांची के डीसी को इस बारे में बाताया. फिर पुलिस ने सीमा के घर से सुनीता को रेस्क्यू किया. सुनीता के शरीर पर जख्मों के कई निशान दिखे. आरोप है कि पिछले 8 सालों से सीमा के घर दिव्यांग लड़की काम कर रही थी. सीमा उसके साथ मारपीट करती थी और उसे बंधक बनाकर रखा था. अरगोड़ा पुलिस ने मेड सुनीता को बीजेपी नेत्री सीमा पात्रा के घर से रेस्क्यू कर लिया है. सुनीता की मदद किसी और ने नहीं, बल्कि सीमा के बेटे आयुष्मान के दोस्त विवेक बस्के ने की. आयुष्मान ने ही विवेक को बताया था कि कैसे उसकी मां सीमा उनकी घरेलू सहायिका सुनीता को यातनाएं देती है. बताया जा रहा है कि सुनीता के शरीर पर जख्मों के कई निशान देखने को मिले. उसे कई बार गरम तवे से दागा गया.आयुष्मान ने इस बारे में विवेक को बताया को उन्होंने पुलिस की मदद से सुनिता को आजाद करवाया. विवेक सचिवालय में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें सुनीता पर हो रहे जुल्मों का पता लगा तो उन्होंने रांची के डीसी को इसकी सूचना दी. फिर पुलिस की टीम सीमा पात्रा के घर पहुंची तो उन्हें वहां सुनीता मिली, जिसके शरीर पर जख्मों के कई निशान थे.

वहीं, इस पूरे मामले पर सीमा ने बताया कि उन्होंने सुनीता के साथ ऐसा कुछ नहीं किया. उनका बेटा आयुष्मान मानसिक रोगी है. उसने उन पर झूठा इल्जाम लगाया है.पुलिस ने बताया कि सुनीता गुमला आदिवासी समुदाय की लड़की है. वह पिछले 8 सालों से सीमा के घर काम कर रही है. फिलहाल मामला दर्ज करके जांच की जा रही है और सच्चाई का पता लगाया जा रहा है. डीएसपी हटिया को मामले को इंवेस्टिगेट करने का निर्देश दिया गया है.उधर, कांग्रेस की विधायक दीपिका ने इस मामले में बीजेपी नेत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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