अंकिता की शहादत! -विक्रम बिष्ट

टिहरी
अंकिता भण्डारी के हत्यारों को उनके जघन्य अपराध के लिए कठोरतम सजा मिलनी चाहिये। सभ्य राज और समाज का यह दायित्व है। अपराधियों से किसी भी तरह की सांठगांठ और सहानुभूति रखने वालों के नकाब भी उतारने आवश्यक हैं। वे सड़ांध फैलाने के बड़े गुनाहगार हैं। कानून के दायरे में दण्ड देने के साथ समाज की उन्हें अलग- थलग करने की सफल कोशिशें इस तरह की आसुरी प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने में अधिक कारगर साबित होंगी।
इस एक अकेली घटना की ही परत दर परत जो सच्चाइयां सामने आ रही हैं, वह पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर इसको ही लगभग अविश्वसनीय बना रही है। इसलिए किन्तु-परन्तुओं के साथ न्याय का वास्ता देकर जनाक्रोश को ठण्डा बेशक कर लें, भविष्य के लिए यह कहीं ज्यादा भयावह परिणाम देने वाला साबित होगा।
दशकों के संघर्ष से बना उत्तराखण्ड 23वें साल में प्रवेश कर रहा है। राज्य के जन्मदिवस को धूमधाम से मनाने के लिए कितना बड़ा बजट हो सकता है, इसकी तैयारियां चल रही होंगी । राज्य गठन के दो दशक बाद भी महज 19 साल की एक होनहार स्वाभिमानी बेटी को अपने गरीब परिवार का सहारा बनने के लिए अनजाने में वहशियों के बीच जाकर अकल्पनीय जोखिम का सामना करना पड़ा। अपने मान सम्मान की रक्षा के लिए जान देनी पड़ी। क्या उसको अपने पैरों पर खड़े होने के लिए सुरक्षित जगह सुलभ नहीं होनी चाहिए थी? शहीदों के सपनों को साकार करने की तोतारटंत का क्या यही हासिल है ?
देवभूमि के काल्पनिक नारों-वादों के बीच पथभ्रष्ट राजनीति, दफ्तरशाही व व्ययवसायी गठजोड़ ने न जाने कहां-2 कितने अधम बीज अपनी वीआईपी सेवा के लिए पल्लवित-पुलकित कर दिए हैं। बेशक कुछ विरासत में लाये गये हैं कुछ अपनों ने पैदा किए हैं। खतरा उत्तराखण्ड की अस्मिता को है।
अंकिता अपनी शहादत से चेतावनी देती हमेशा के लिए विदा हो गयी है। तू.,तू,, मैं..मैं के अराजक खेलों के लिए समय बहुत है। अभी, जड़ों से सफाई करने के सामूहिक सद्प्रयासों में जख्मी होने की पूरी संभावना है। संभावनाएं ही इतिहास बनाने का सुअवसर देती हैं, आशंकाएं सिर्फ रास्ता रोकती हैं! आवश्यक सफाई के बाद ही खुशहाल उत्तराखण्ड की ठोस बुनियाद तैयार की जा सकेंगी।
निजी सफलताओं से आत्ममुग्ध अति सामाजिक प्राणी भी अपने-2 कीमती आनंदोत्सवों में से इस नेक और जरूरी काम के लिए थोड़ा समय निकालें। दैत्याकार लेती चुनौतियों के बीच बेटियों की सुरक्षा की गारण्टी तभी संभव है।

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