घनसाली : बाघ ने बनाया 12 साल के बच्चे को अपना निवाला

टिहरी (Vikram Bisht)

दिनांक 27 नवंबर 2022 को श्याम के समय ग्राम माया कोट मैं एक करीबन 11:00 12 साल के बच्चे को बाघ ने अपना निवाला बना दिया आज दिनांक 28 नवंबर 2022 को बच्चे का पोस्टमार्टम हुआ आज रेंजर साहब और उनकी टीम भी घटनास्थल पर ही है घनसाली से राजस्व विभाग के पटवारी लोग कानूनगो साहब तहसीलदार साहब वह भी घटनास्थल पर ही आए हुए हैं तमाम जनता महिलाएं घटनास्थल पर आए हुए हैं बच्चे के परिवार का बहुत बुरा हाल है सबसे पहले ईश्वर से प्रार्थना है की इस बच्चे की आत्मा को भगवान अपने श्री चरणों में स्थान दे बात आगे आती है की क्या पहाड़ के बच्चे बूढ़े जवान महिलाएं पशु क्या सुरक्षित हैं देवी आपदासे पहाड़ का जनमानस पूर्ण रूप से ग्रसित है तथा जो हिंसक जानवर यहां पर है उनसे भी यहां का आम जनमानस असुरक्षित है इसके सरकार की कोई भी ऐसी नीति निर्धारण नहीं किया गया जिससे कि यहां के जनमानस को सुरक्षितता महसूस हो और उनको लगे कि सरकार हर वक्त हमारे सुख-दुख ओं का खयाल रखती है हमारा मानना है की सरकार का ध्यान हमारे पहाड़ी क्षेत्र के तरफ बिल्कुल भी नहीं है और यहां का जनमानस अपने को असहाय सा महसूस कर रहा है साथ ही मैं इस बात को भी कहना चाहता हूं की यहां का अधिकारी वर्ग क्या कर सकता है जब उसके पास ऐसे अधिकार है ही नहीं कि वह तत्काल यहां के जनमानस की मदद करें अगर कुछ अधिकार सरकार द्वारा दीए भी गए हैं वह अपर्याप्त है जिससे यहां की समस्याओं का समाधान करने में अधिकारी पूर्ण रूप से सक्षम नहीं है जो भी नियम कानून बनाए जाते हैं वह इतने जटिल और गैर तर्कसंगत होते हैं की समस्याओं का निदान ही नहीं हो पाता है उदाहरण के लिए जब दैवी आपदा आती है तो अहेतुक सहायता इतनी कम होती है की कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के लिए नाही बिस्तर खरीद सकता है और नाही राशन आदि खरीद सकता है आज यह नई घटना नहीं है मगर जो सहायता है उसका मानक इतना कम है कि आदमी को इस दुख की घड़ी में अगर सहायता दी जाती है वहां भी गैर तर्कसंगत है अगर 80 वर्ष का बूढा हिंसक जानवर का शिकार होता है तो उसको भी वही सहायता दी जाती है और जो बच्चा जिसके ऊपर भविष्य काभार परिवार का भी है और क्षेत्र के समाज देश के हित में उसने बहुत सारे कार्य करने थे किंतु हिंसक जानवर के द्वारा उसको अपना निवाला बना दिया गया या उसको अंग हीन करके छोड़ दिया जिससे वहां अपनी जिंदगी को एक बोझके रूप में उठाता है उसके लिए भी वही सहायता मिलती है क्या इसका मानक ज्यादा नहीं होना चाहिए आज इसी परिवार को लीजिए बहुत ही गरीब परिवार है इसके एक उम्मीद थी कि हमारा बच्चा पड़ेगा लिखेगा और हमारे विपत्तियों का निराकरण करेगा किंतु आज वह बच्चा सबसे दूर चला गया साथ ही हम निवेदन करना चाहते हैं शासन और प्रशासन से की अगर इस प्रकार की घटनाएं होती हैं तो घटना की गंभीरता को समझते हुए अभिलंब ऐसे हिंसक जानवर को मार देने के आदेश प्रभागीय वन अधिकारी को मिलने चाहिए यहां पर आज बहुत जनता रेवेन्यू राजस्व विभाग और जंगलात विभाग के कर्मचारी अधिकारियों से कह रही है की अभिलंब बाघ को मारने के लिए व्यवस्था करें नहीं तो यहां का जनमानस आंदोलन करने पर मजबूर होगा जिसके जिम्मेदारियां शासन और प्रशासन की होगी क्योंकि यहां पर पूरा जनमानस अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है मैं माननीय विधायक श्री शांतिलाल शाह जी से और अपने माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार से भी निवेदन करना चाहता हूं की यह जो सहायता है या सहायता बहुत कम है कृपया इसको कम से कम ₹1000000 करने की कृपा करेंगे जिससे दुखी परिवार को लगे कि सरकार ने हमको सहायता प्रदान की है और पहाड़ी क्षेत्रों के मानकों में दोबारा से विचार करने की जरूरत है धन्यवाद आनंद प्रसाद व्यास पूर्व प्रधान पूर्व जिला पंचायत सदस्य बालगंगा तहसील

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