
उत्तराखंड
आजकल उत्तर प्रदेश के बड़े शहर कानपुर के नए बाबा चर्चा के केंद्र में आ गए हैं. बाबा का ‘धार्मिक’ नाम है करौली बाबा, लेकिन इनका असली नाम संतोष सिंह भदौरिया है. करोली बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया पर आरोप है कि उनके चेलों ने नोएडा के डॉक्टर पर हमला कर दिया. हमले में डॉक्टर बुरी तरह से घायल हो गए हैं.

संतोष सिंह भदौरिया मूल रूप से उन्नाव के बारह सगवर के रहने वाले हैं. उनकी किस्मत उस वक्त बदली जब उत्तर प्रदेश और पूरे देश में महेंद्र सिंह टिकैत के किसान आंदोलन का डंका बज रहा था. उस समय कानपुर में धाकड़ किसान यूनियन नेता संतराम सिंह का मर्डर हो गया. उसके बाद महेंद्र सिंह टिकैत ने संतोष सिंह भदौरिया को कानपुर के सरसोल क्षेत्र की पूरी बागडोर सौंप दी थी. उसी दौरान किसान यूनियन के प्रदर्शन के दौरान इनकी पुलिस से भिड़ंत हो गई किसान नेता संतोष सिंह भदौरिया ने कुछ किसानों को पुलिस कस्टडी से छुड़ा दिया. इसके बाद पुलिस ने इनको पकड़कर जमकर पीटा और जेल भेजा था. फिर गुंडा एक्ट और गैंगस्टर लगा दिया. जेल जाने के बाद संतोष सिंह भदौरिया एकदम से किसानों में लोकप्रिय हो गए फिर धीरे-धीरे इनकी किस्मत बदलती चली गई. जब संतोष सिंह किसान नेता थे तो वह जाजमऊ के फ्रेंड्स कॉलोनी में जैन बिल्डिंग में अपने परिवार के साथ रहते थे.इसके बाद संतोष सिंह भदौरिया तब मशहूर हुए जब यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे श्रीप्रकाश जायसवाल से उनकी नजदीकियां बढ़ी और उनको कोयला निगम का चेयरमैन बनाकर लाल बत्ती दे दी गई थी. हालांकि कुछ कांग्रेसी नेताओं द्वारा सवाल उठाने के बाद ही उनको बाद में निगम से हटा दिया गया था. उसके बाद संतोष सिंह भदौरिया गुमनाम हो गए. फिर अचानक उनका उदय उस वक्त हुआ, जब उन्होंने करौली आश्रम बनाया.
आश्रम में आपको पूरी सुविधाएं मिलेंगी. यहां पर हर चीज का आपको टोकन कटवाना पड़ेगा. बाबा से मिलने से लेकर यज्ञ हवन हर चीज के लिए रसीद की व्यवस्था है. यहां आने वाले भक्तों को सबसे पहले 100 रुपये की रसीद कटानी होती है. इसके बाद अलग-अलग रेट तय है. हवन का खर्चा 5000 से 100000 रुपये तक का है. सारे सामान आपको यही आश्रम में मिलेंगे.
संतोष सिंह भदौरिया ने दावा किया कि वह शिव की शक्ति और तंत्र से लोगों का इलाज करते हैं. लोगों को ईश्वरी इलाज कर पूरी तरीके से ठीक करते हैं. कोई भी साध्य रोग हो या असाध्य रोग हर रोग का उनके पास इलाज है. अपने ऊपर लगे आरोपों पर बाबा का कहना है कि उनको और सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए इस तरीके की साजिश रची जा रही है. यह सनातन विरोधियों और दवा माफियाओं का काम है. उन्होंने दावा किया कि कई देशों से उनके पास ऑफर है कि वे यह दरबार वहां पर लगाएं.
संतोष भदौरिया का अपराध से पुराना नाता रहा है। वर्ष 1992 से उसके खिलाफ एक के बाद एक हत्या, हत्या का प्रयास, गाली गलौज, मारपीट, धमकी, एनएसए, धोखाधड़ी, बैंक फ्रॉड तक के मामले दर्ज हुए। साल 1992 में फजलगंज थाना इलाके में शास्त्रीनगर के रहने वाले अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या की गई थी। मामले में संतोष भदौरिया और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।हत्या के इस मामले में संतोष को जेल भेज दिया गया था। हालांकि मार्च महीने में 1993 में संतोष को जमानत मिल गई थी। समय के साथ धीरे-धीरे सभी मामले दबते गए। इसके बाद संतोष भदौरिया ने करौली बाबा का चोला ओढ़ लिया। लवकुश आश्रम के नाम से तंत्र मंत्र का व्यापार शुरू कर दिया।