
उत्तराखंड
उत्तराखंड के तराई पश्चिमी वन विभाग की पतरामपुर रेंज में गन्ने के खेत मे एक घायल गुलदार मिला, जिसे रेस्क्यू कर उपचार के लिए रेस्क्यू सेंटर रानीबाग ले जाया गया है. इन दिनों लगातार लेपर्ड और बाघ के हमले करने या उनके करने की खबरें सामने आ रही हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग को खेत में घायल गुलदार होने की खबर दी थी, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचे और उसे रेस्क्यू कर सुरक्षित पिंजरे में बंद किया. इसके बाद उसे इलाज के लिए रानीबाग रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है जहां उसका उपचार किया जा रहा है. खबर के मुताबिक तराई पश्चिमी की पतरामपुर रेंज के अंतर्गत ये गुलदार एक गन्ने के खेत में घायल अवस्था में पड़ा था, ये गुलदार चल पाने में बेहद असमर्थ दिख रहा थी, जिसकी वजह से वो एक ही जगह बैठा हुआ था. वो बेहद कमजोर हालत में दिखाई दे रहा था. पास के रहने वाले एक ग्रामीण की नजर जब इस बाघ पर पड़ी तो वो डर गया. इसके बाद उसने आनन-फानन में वन विभाग को इसकी सूचना दी, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया.
इस घटना की जानकारी देते हुए रेंज अधिकारी ललित कुमार ने बताया कि पतरामपुर रेंज में कक्ष संख्या 25 के अंतर्गत पड़ने वाले एक गन्ने के खेत में आसपास के ग्रामीणों व वन कर्मियों को गुलदार बैठा हुआ दिखाई दिया. उन्होंने बताया कि यह गुलदार उठने में असमर्थ दिखाई दे रहा था. इसके बाद इसे मुख्यालय लाया गया. उन्होंने बताया कि इस नर गुलदार की उम्र एक साल के आसपास है. इसे उपचार के लिए रानीबाग रेस्क्यू सेंटर ले जाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये गुलदार को क्या हुआ है. कैसे इसकी ये हालत हुई इसके बारे में जांच के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा.
आपको बता दें कि गुलदार की सबसे अधिक संख्या तराई पश्चिमी वन विभाग में पाई जाती है. यहां पर ज्यादातर खेतों के अंदर लेपर्ड और उसके शावक पाए जाते हैं. एक अनुमान के अनुसार इस क्षेत्र में 600 के आसपास लेपर्ड की संख्या अनुमानित की जाती है. फिलहाल इस लेपर्ड की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है. इसका इलाज शुरू हो चुका है, गुलदार की हालत गंभीर दिखाई दे रही है.