
टिहरी
अबकी बार चार सौ पार, भाजपा के इस दावे पर संशय की पर्याप्त गुंजाइश है, लेकिन उत्तराखण्ड में इसे शत प्रतिशत सफलता मिलनी लगभग तय है। हरिद्वार सीट पर INDIA यानी कांग्रेस, सपा + बसपा परेशान कर सकती है। उत्तराखण्ड विधानसभा के पहले चुनाव में बसपा और 2004 के लोकसभा चुनाव में सपा की जीत कुदरती करिश्मा नहीं थी, बल्कि जातीय मुण्ड गणना थी। फिलहाल उत्तराखण्ड के अधिकांश सांसदो पर बदलाव की गाज गिरने की चर्चा है। टिहरी भी इसमें शामिल है।
देश की पहली लोकसभा सीट – टिहरी पर पूर्व रियासत के राज परिवार का दबदबा रहा है। पहले आम चुनाव में राजमाता कमलेंदुमति शाह ने कांग्रेस को धूल चटाई थी। अंतिम नरेश मानवेन्द्र शाह तीन बार कांग्रेस और भाजपा से पांच चुनाव जीते हैं।
उनकी पुत्रबधू माला राजलक्ष्मी शाह दूसरी बार लोकसभा में हैं।
74 वर्षीय वर्तमान सांसद के सामने उम्र सबसे बड़ी बाधा मानी जा रही है। उनकी तरह परिवार में इस विरासत का कोई मजबूत दावेदार नहीं है। उत्तराखण्ड की पांच सीटों में महिलाओं के लिये सबसे सुरक्षित इस सीट पर दो महिला नेताओं के नाम चर्चाओं में हैं – टिहरी गढ़वाल जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण और भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी।
सोना सजवाण लगातार दूसरी बार जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। राजनीतिक रूप से बहुत जागरूक (उत्तराखण्ड के गांधी स्व.इन्द्रमणि बडोनी की जन्म – कर्मभूमि) भिलंगना क्षेत्र से जिला पंचायत के लिए निर्विरोध सदस्य निर्वाचित श्रीमती सजवाण जिले में जनता के बीच जुड़े रहने के साथ लोकसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।
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