देहरादून में कल से बदलेगी यातायात व्यवस्था,जीपीएस वाली गाड़ियां ही जा सकेंगी घंटाघर

उत्तराखंड

सार्वजनिक यात्री वाहनों में जीपीएस का विवाद थमने का नाम नहीं रहा है। परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास सिर्फ जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन ही संचालित होंगे। इस फ्रीज जोन में बगैर जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहनों के संचालन का आज अंतिम दिन है। कल से इस क्षेत्र में बगैर जीपीएस लगे यात्री वाहन चलाने पर परिवहन विभाग चालान करेगा। उधर ऑटो-विक्रम यूनियन ने सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी से मुलाकात कर जीपीएस से राहत की मांग की, लेकिन सचिव ने इस मामले में कोई राहत देने के बजाय गेंद आरटीओ के पाले में डाल दी।

दून शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने और आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत कल यानी शुक्रवार से घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास के क्षेत्र में जीपीएस के बिना यात्री वाहनों का संचालन नहीं हो सकेगा। संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के सचिव/आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि इस क्षेत्र में शुक्रवार से केवल वही यात्री वाहन संचालित होंगे, जिनमें जीपीएस लगा होगा। वाहन संचालकों को जीपीएस लगाने के लिए आरटीए ने 15 फरवरी तक की छूट दी थी, जो आज समाप्त हो जाएगी। जिन वाहनों में जीपीएस नहीं लगा होगा, वह प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर संचालित हो सकेंगे।
संभागीय परिवहन प्राधिकरण सचिव सुनील शर्मा ने बताया कि गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में 23 दिसंबर को हुई आरटीए की बैठक के निर्णयों पर 11 जनवरी को राज्य सरकार की स्वीकृति मिल गई थी। इन निर्णयों को लेकर 12 जनवरी को परिवहन विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए थे।
आदेश में यातायात सुधार को लेकर कई बड़े कदम उठाते हुए प्रतिबंधित स्थल, चाक-चौराहे एवं मार्गों पर यात्री वाहन का संचालन होने पर वाहन का परमिट निरस्त करने की कार्रवाई को शामिल किया गया है।

घंटाघर की परिधि में जीपीएस की अनिवार्यता को लेकर विक्रम व ऑटो संचालक विरोध कर रहे हैं। इस बारे में पिछले सप्ताह आरटीओ सुनील शर्मा की अध्यक्षता में सभी परिवहन कारोबारियों के संगठनों की बैठक भी हुई थी। जिसमें सिटी बस, निजी बस व टाटा मैजिक संचालकों ने जीपीएस की शर्त मान ली थी, लेकिन विक्रम व आटो संचालक विरोध पर अड़े हुए हैं। अब देखना यह होगा कि शुक्रवार से परिवहन विभाग इन वाहनों का संचालन प्रतिबंधित क्षेत्र में रोकने में कैसे सफल हो पाएगा।

आरटीए सचिव ने बताया कि नियम का उल्लंघन करने पर पहली बार कंट्रोल रूम से वाहन संचालक को चेतावनी दी जाएगी। दूसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर परमिट जब्त कर आरटीए में सुनवाई की जाएगी और तीसरी बार नियम तोड़ा तो सीधे परमिट निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

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