हर मोर्चे पर फिसड्डी साबित हुईं धामी सरकार : शान्ति प्रसाद भट्ट प्रवक्ता उत्तराखंड कांग्रेस

टिहरी

हर मोर्चे पर फिसड्डी साबित हुईं धामी सरकार : शान्ति प्रसाद भट्ट प्रवक्ता उत्तराखंड कांग्रेस

धामी सरकार अब तक हर मोर्चे पर फिसड्डी साबित होते हुए दिखी है, पेयजल आपूर्ति हो, वनाग्नि,चार धाम यात्रा, सड़क सुरक्षा, मादक पदार्थों की रोकथाम, महिलाओं के खिलाफ अपराध, बेरोजगारी, महंगाई! कौन सा महकमा है जहां सरकार सिद्दत से काम कर रही है?

,, विगत एक दिन पूर्व अल्मोड़ा (बिनसर अभ्यरण) मे जो वनाग्नि का दुर्भाग्य पूर्ण हादसा हुआ है, इस दुर्भाग्य पूर्ण हादसे पर कांग्रेस पार्टी गहरा दुख व्यक्त करते हुए हादसे मे प्राण गवां चुके चार वन कर्मियों के प्रति गहरा शोक व्यक्त करती है ! दिवंगत कर्मियों को श्रद्धांजली अर्पित करते है !
घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते है
,,,विगत दो माह से उतराखंड के जंगलों में आग का कहर जारी है,और आग की अनुमानित 1100से अधिक घटनाएं हो चुकी है,जिनमे 1000हेक्टेयर से अधिक वन/मिश्रित वन जलकर राख हो गए है,आलम यह है कि आग रिहायसो तक पहुंच रही है, प्रतिपक्ष लगातार सरकार से पूछ रहा था कि मुख्य जिमेदार लोग कब लीडिंग रोल मे आयेंगे, लेकिन डबल इंजन सरकार को अन्य राज्यों मे चुनाव की चिंता थी और माननीय मुख्यमंत्री जी, मंत्री अन्य राज्यो के प्रचार मे व्यस्त थे इधर आग ने कोहराम मचा रखा है,सरकार भूल गई कि उतराखंड के बेशकीमती जंगलों, नदियों, ग्लेशियरों पर 60 करोड़ लोगों का जीवन निर्भर करता है।
*विपक्ष के सरकार से सवाल* ?
*फॉरेस्ट महकमे मे आमूलचूल नीति परिवर्तन की आवश्यकता*
🔹 रेंजो मे फायर लायन काटने का काम पहले क्यों नहीं किया गया? इस कार्य के लिए समय रहते पर्याप्त धनआवंटन क्यों नही हुआ?
🔹फायर वाचर क्यों नियुक्त नही किए गए ?
🔹 वन एवम वनवासी(ग्रामवासी) वनो की सुरक्षा से विमुख क्यों हो रहे है ?
🔹 प्रदेश भर मे वन पंचायतों को क्यों नही एक्टिव किया गया? क्या वन पंचायतों का गठन पूर्ण हुआ भी है या नहीं?
🔹 कुल कितने “फायर गार्ड” कार्य कर रहे है? कहीं वे अन्य कार्यों पर तो नही लगाये गए है?
🔹वनो मे जल कुंडो और ट्रेरंचेज पर समय रहते कार्य क्यों नही किए जाते?
🔹वर्तमान सरकार ने “फायर सीजन” को गंभीरता से क्यो नही लिया ?
🔹जंगलो मे आग की रोकथाम के लिए क्यो नही फयार सीजन से पूर्व व्यापक प्रचार प्रसार किया ?
🔹हर घर नल योजना के तहत ग्रामों के परंपरागत पाणी के स्रोतों को क्यो खत्म किया गया , उन्हे पुनर्जीवित करने के लिए पेयजल से जुड़े विभागो को युद्ध स्तर पर टास्क क्यो नही दिया?
🔹 जिमेदार आला अधिकारियों की जिम्मेदार कब तय होगी ?
🔹क्या कर रहें है मंत्री,विधायक, सांसद, और निर्वाचित प्रतिनिधि
🔹 आने वाले मानसून और हरेला के लिए सरकार कितनी तैयार है?
आंकड़े बताते हैं: उतराखंड मे
72%भाग वनो से आच्छादित है
18%भाग हिमाच्छादित है
12 हजार से अधिक ग्लेशियर है
11 बड़ी नदिया है, और अनेक सहायक नदियां है। जो समस्त उतर भारत की जीवन रेखा है और 60करोड़ से अधिक लोगों को जीवन देती है।
मात्र 6%कृषि योग्य भुमि है।
*यही वो जंगल है, जो हमें:*
🔹 *वायु सुरक्षा*
🔹 *जल सुरक्षा*
🔹 *अन्न सुरक्षा*
🔹 *चारा पत्ती,*
🔹 *खेती पशुपालन*
🔹 *गीत संगीत देते* है ।
विशेष:
इस प्रदेश के सबसे अनुभवी नेता पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी ने अपने कार्यकाल मे केन्द्रीय सरकार को चीड़ के पातन का महत्वपूर्ण सुझाव दिया था और इसके लिए क्लस्टर बना कर अनुमति भी मांगी थीं ताकी चीड़ के पेड़ को हटा कर बांझ बुरास सहित चौड़ी पत्ती के पेड़ों को लगाया जाय, पर केंद्र ने अनुमती नहीं दी,अब राज्य और केंद्र मे भाजपा की सरकार है तो इस पर क्यो नही दीर्घकालिक योजना बनाती है।
अल्मोड़ा में जिन चार वन कर्मियों का दुखद निधन हुआ है, उनके परिजनों को शीघ्र क्षतिपूर्ति राशि दी जाय, और उनके परिजनों को सरकारी* *पक्की नौकरी दी जाय* ।
घायलों का समुचित इलाज सरकारी खर्चे पर हो और उनके परिजनों को भी क्षतिपूर्ति राशि दी जाय*

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