
उत्तराखण्ड
17 महीने बाद जेल से रिहा हुए सिसोदिया, कहा “निर्दोष लोगों को संविधान बचाएगा, केजरीवाल भी आएंगे बाहर
मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद जेल से बाहर आए:दिल्ली शराब नीति केस में बेल; सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जमानत नियम और जेल अपवाद
शराब घोटाले में 17 महीने जेल में बिताने के बाद बाहर निकले मनीष सिसोदिया
दिल्ली शराब घोटाला मामले में करीब 17 महीने से जेल में बंद मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरने का भी आदेश दिया है. मनीष सिसोदिया को 17 महीने पहले दिल्ली शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने अपने हिरासत में ले लिया था. शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि मनीष ने निचली अदालत में सीबीआई मामले में 13 और ईडी मामले में 14 अर्जियां दाखिल की थीं.
जेल से बाहर आने के बाद सिसोदिया ने AAP कार्यकर्ताओं और समर्थकों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि, ‘संविधान की वजह से जमानत मिली।’ यहां से वे सीधे अरविंद केजरीवाल के घर जाएंगे। उनकी पत्नी सुनिता केजरीवाल और परिवार के लोगों से मिलेंगे। कल वे महात्मा गांधी को श्रृद्धांजलि देने के लिए राजघाट जा सकते हैं।
सिसोदिया को CBI ने भ्रष्टाचार केस में 26 फरवरी 2023 को और ED ने 9 मार्च 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। तब से वे जेल में थे। सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केस खत्म होने की संभावना नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा- केस में अब तक 400 से ज्यादा गवाह और हजारों दस्तावेज पेश किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में केस खत्म होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है। ऐसे में सिसोदिया को हिरासत में रखना उनके स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने ASG की अपील नहीं मानी
ED-CBI का पक्ष रख रहे ए़डिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (ASG) ने कोर्ट में सिसोदिया पर जमानत के दौरान कुछ पाबंदी लगाने की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि सिसोदिया पर अरविंद केजरीवाल केस की तरह शर्तें लगाई जाएं।
ASG ने सिसोदिया को मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में एंट्री पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे रिजेक्ट कर दिया। बेंच ने कहा कि स्वतंत्रता का मामला हर दिन मायने रखता है, इसलिए हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं।
सिसोदिया पर हैं कौन से आरोप?
ED और CBI ने अपनी चार्जशीट में मनीष सिसोदिया पर कई आरोप लगाए हैं.
-सिसोदिया पर शराब का लाइसेंस लेने वालों को फायदा पहुंचाने का आरोप है. इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ.
-उनपर कोडिव के दौरान शराब की दुकानें बंद रहने पर उनके मालिकों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट देने का आरोप है.
-सिसोदिया पर ये भी आरोप है कि उन्होंने बिजनेसमैन अमित अरोड़ा को फायदा पहुंचाने के लिए घूस ली.
-इस केस के सबूत छिपाने के लिए उन्होंने 14 फोन और 43 सिम कार्ड बदले.
-एक्साइस विभाग के मंत्री होकर उन्होंने गलत फैसले लिए, जिससे कुछ लोगों को लाभ हुआ.