
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए अपने 59 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करते ही बगावत के सुर उभरने लगे हैं। हालांकि 10 सीटों पर पुराने विधायकों का पत्ता काट कर उनकी जगह नये लोगों को उम्मीदवार बनाया गया है। लेकिन अधिकांश सीटों पर सिटिंग विधायकों को ही रिपीट किया गया है। पहली सूची जारी होते ही कई विधानसभा सीटों पर टिकट की आस लगाए पार्टी नेताओं निराशा छा गई है। उनमें से कुछ ने तो बिना देर किए बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। टिकट पर टकटकी लगाए बैठे नरेंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र से ओम गोपाल रावत, धनोल्टी से महावीर सिंह रांगड़ और धर्मपुर में लंबे समय से जनता के बीच में काम कर रहे बीर सिंह पंवार ने निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया है। बीर सिंह पंवार के समर्थकों की गुरुवार को बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया। भाजपा के कई बड़े कार्यकर्ता और स्थानीय नेता इसमें शामिल हुए। महिला कार्यकर्ता भी इस बैठक में मौजूद रहीं। उन्होंने विधायक विनोद चमोली पर गंभीर आरोप लगाए कि 5 साल में उन्होंने विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया। यहां तक कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं को भी इस विधानसभा में लागू नहीं कर पाए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनाव में हम एक नारे के साथ उतरेंगे- ‘भाजपा से बैर नहीं, विनोद चमोली की खैर नहीं’ । विधानसभा के पार्टी से जुड़े प्रमुख लोग और जनप्रतिनिधि शुक्रवार को बैठक करेंगे। गौरतलब है कि पहाड़ी प्रजा मंडल के अध्यक्ष और भाजपा नेता बीर सिंह पंवार पिछले 10 सालों से लगातार क्षेत्र में सक्रिय थे। कोरोना काल मैं उन्होंने मोदी कीचन के माध्यम से जिस तरह गरीब असहाय लोगों के लिए देवदूत बनकर आए उनकी मदद की । यही नहीं बीर सिंह पंवार ने पांच अनाथ लड़कियों को भी गोद लिया हुआ है। उनकी पढ़ाई लिखाई का खर्चा वे स्वयं उठाते हैं । राजेंद्रबिहार में मंदिर के लिए जमीन दान कर उस पर भव्य मंदिर का निर्माण खुद करवा रहे हैं। अभी पिथौरागढ़ की एक डेढ़ साल की बच्ची का ऑपरेशन उन्होंने दिल्ली में अपने खर्चे पर करवाया। इस तरह के कई सामाजिक कार्यों में उनका विशेष योगदान रहता है। दूसरी ओर, वर्तमान विधायक विनोद चमोली से पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखने में आ रही है।