
मुख्य भूमिका देने के लिए जताया आभार।
उत्तराखंड में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को जनता ने कुल 70 में से 47 सीटों पर जीत दिलाई है। चुनाव परिणाम आने के बाद अब भाजपा सरकार बनाने की प्रक्रिया में लग गई है, जिसके तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। सीएम धामी ने शुक्रवार को दोपहर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से भेंट कर त्याग पत्र सौंपा। धामी का इस्तीफ़ा स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उनसे राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने और पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है। राजभवन जाने से पहले धामी ने कैबिनेट की बैठक भी ली।
जनता ने बीजेपी को बहुमत का आंकड़ा तो दिया लेकिन धामी के हार के बाद से उनके सीएम बनने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। इसके बाद से हर किसी की जुबान पर बस एक ही सवाल है कि प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा। हालांकि, धामी की साफ-सुथरी छवि, सौम्य स्वभाव और सबको साथ लेकर चलने की वजह से वो अभी भी पार्टी नेताओं और विधायकों की पसंद बने हुए हैं। यही वजह है कि उत्तराखंड के राजनीति गलियारों में धामी की फिर से सीएम बनने की चर्चायें जोर पकड़ रही हैं। अगर बीजेपी हाईकमान का धामी में विश्वास बना रहा तो धामी को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। उन्हें 6 महीने के अंदर उपचुनाव लड़कर विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। इसके लिए चुनाव में जीत हासिल करने वाले बीजेपी के कई प्रत्याशी धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं। जिनमे रामनगर से तीसरी बार विधायकी का चुनाव जीतने वाले दीवान सिंह बिष्ट, कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, जागेश्वर से विधायक मेहरा चंपावत से जीते कैलाश चंद्र गहतोड़ी समेत अलग-अलग विधानसभा सीटों से धामी के लिए बीजेपी के विधायकों की सीट खाली करने के बयान लगातार सामने आ रहे हैं।