कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड और यूूूपी की सरकारों के अलग-अलग रवैए से मसले पर पशोपेश।

कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड और यूूूपी की सरकारों के अलग-अलग रवैए के चलतेे इस मसले पर पशोपेश बना हुआ है। स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश ने इस साल 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू करने की अनुमति दे दी है, लेकिन उत्तराखंड ने इस यात्रा को रद्द करने का फैसला किया है। इस मुद्दे पर हंगामा बरपा है, क्योंकि कुछ मुद्दे उलझ गए हैं। पहली बात यही है कि दोनों राज्यों में बीजेपी सरकार होने के बाद अलग फैसले क्यों। दूसरी बात यह है कि पहले भी उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात कर चुके उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोबारा फोन कर गुजारिश की।

तीसरी बात यह है कि उत्तराखंड भले ही कांवड़ियों को एंट्री न देने का फैसला कर चुका है, लेकिन श्रद्धालुओं तक गंगाजल पहुंचाने की कवायद कर रहा है। वहीं, इस पूरे परिदृश्य में सुप्रीम कोर्ट और महंतों की प्रतिक्रिया का एंगल भी जुड़ चुका है। बीते मंगलवार को सीएम धामी ने कांवड़ यात्रा न आयोजित करने संबंधी फैसला लिया था। जबकि उत्तर प्रदेश इस यात्रा को कोविड प्रोटोकॉल के साथ मंजूरी दे चुका है। सूत्रों के हवाले से खबरों में कहा जा रहा है कि सीएम योगी ने एक बार फिर धामी को फोन किया और अनुरोध किया कि सीमित संख्या में ही सही, कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंच पाने की कुछ तो सूरत निकाली जाए। यहां गौरतलब बात यह है कि दोनों ही राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। धामी अब योगी की गुजारिश पर क्या कदम उठाएंगे, यह तो बाद में पता चलेगा। लेकिन इस पूरी कवायद के बीच हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट सी रविशंकर ने एक बड़ा ऐलान किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रविशंकर ने कहा, हम डाक से श्रद्धालुओं तक गंगाजल पहुंचाने का इंतजाम कर रहे हैं। यही नहीं, पड़ोसी राज्यों के प्रशासन के साथ बातचीत कर रहे हैं और ज्यादा भीड़ से बचने के विकल्प के तौर पर टैंकरों से भी गंगाजल की सप्लाई करने की योजना बन रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है। कल 16 जुलाई को अगली सुनवाई होगी, तब तक उप्र को बताना है कि कोविड के संकट के बीच इस यात्रा का फैसला क्यों लिया गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उत्तराखंड के सीएम को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया था कि कांवड़ यात्रा को मंजूरी न दी जाएं ताकि राज्य और देश को कोविड के कहर से सुरक्षित रखा जा सके। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जब दोनों ही भाजपा सरकारों वाले राज्य हैं, तो एक ही मुद्दे पर अलग फैसले क्यों लिये गए। इस सवाल पर यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राज्यों की नीतियां अलग हो सकती हैं। यूपी में जनसंख्या भले ही ज्यादा है, लेकिन यहां रोज नए केसों की संख्या 90 से भी कम है और वैक्सीनेशन तो जारी है ही। सभी राज्य अपने फैसले करने के लिए आजाद हैं और यूपी अपने फैसले खुद ले सकता है। सिंह ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उपयुक्त जवाब दाखिल किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पेशल टूरिज्म जोन के लिये केन्द्र से मांगी मदद।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार, उत्तराखण्ड को पर्यटन, तीर्थाटन के साथ ही साहसिक खेलों के विश्व स्तरीय केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने आईडीपीएल, ऋषिकेश को स्पेशल टूरिज्म जोन के रूप में विकसित किए जाने की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति शीघ्र दिये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि आईडीपीएल ऋषिकेश में 600 एकङ में बायोडायवर्सिटी पार्क, इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, रिजार्ट, होटल, वैलनेस सेंटर बनाए जाने प्रस्तावित हैं।

मुख्यमंत्री ने गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाए जाने के लिए 55 करोङ रूपए की स्वीकृति दिये जाने पर आभार व्यक्त करते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी को उत्तराखण्ड आने के लिये आमंत्रित किया। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा हर सम्भव सहयोग दिया जाएगा।

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प्रवसियों को रोजगार के अवसर दिए जांय, सरकारी योजनाओं के लोगों को लाभ दिया जाय।

नई टिहरी । नई टिहरी स्थित विकास भवन सभागार कक्ष में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली की अध्यक्षता में विभिन्न रेखीय विभागों की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में पलायन आयोग के सदस्य श्री पैन्यूली ने कहा कि अधिकारी अपने कार्यो को फर्ज समझे न कि बोझ। उन्होंने कहा कि इस जनपद के सभी जिला स्तरीय अधिकारी अनुभवी हैं और हर अधिकारी की अपने कार्य करने की विशेषता अलग-अलग होती है किन्तु प्रत्येक अधिकारी को कुछ ऐसा भी करना चाहिए जिससे दुर्गम गांवों के लोगों के चेहरे पर रौनक दिखे।
श्री पैन्यली ने कहा कि संकट अपने साथ अवसर भी लेकर आता है ऐसी ही अनुभव कोरोना महामारी के पश्चात देखने को मिला है, इस अवसाद को अवसर में बदलना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कोरोना माहमारी के कारण देश-विदेश से लौटे इन प्रवासियों को अगर अनुकूल वातावरण नहीं मिला तो वे प्रवासी अपनी रोजी रोटी के लिए फिर से पलायन को मजबूर हों जायेंगें। यदि रोजगार व स्वरोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था सरकार की है तो उस व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी सरकारी विभागों के अधिकारियों की हैं। उन्होंने कहा कि असली भारत गांव में बसता है, इस बात को चरितार्थ करने की अति आवश्यकता है।
कोविड-19 माहमारी के कारण इस जनपद के लोगों की रोजी रोटी पर भी फर्क पड़ा है। सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं से आमजन को लाभाविन्त करना सभी रेखीय विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि दूर-दराज गांव का कोई किसान, गरीब, मजदूर जब सरकारी कार्यालय में किसी कार्य हेतु आता है तो उनके साथ संवेदनशील व्यवहार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पलायन अक्सर मजबूरी में किया जाता है वर्तमान में जनपद में लौटे प्रवासियों के अन्दर स्वावलम्बी होने की मंशा जगाने की अति आवश्यकता है जिससे पलायन पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि गांव लोकतंत्र का हिस्सा है जिसमें रह रहे प्रत्येक व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं की सही जानकारी पहुंचाना भी अधिकारियों का नैतिक दायित्व है।
बैठक में पलायन एवं सुझाव पर चर्चा के साथ ही विभिन्न विभागों के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं पर विभागवार विस्तृत चर्चा की गयी तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा संचालित योजनाओं में आमजन को हो रही दिक्कतों के सम्बन्ध में सुझाव भी पलायन आयोग के सदस्य के सम्मुख रखे गये। बता दें कि सदस्य सचिव/अपर आयुक्त, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के निर्देशों के तहत ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली इसी माह के अन्त तक जनपद के सभी विकासखण्डों में खण्ड स्तरीय अधिकारियों के साथ भी बैठकें करेंगे तथा पलायन सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं की समीक्षा भी करेंगे।
इस अवसर पर पीडी डीआरडीए आनन्द सिंह भाकुनी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पीएस रावत, जिला उद्यान अधिकारी डीके तिवारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी मुकेश चन्द्र डिमरी, साहसिक खेल अधिकारी सोबत राणा व तेजराम सेमवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने ली बैठक, प्रदेश भर में 600 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जायेगा।

स्वास्थ्य विभाग प्रदेशभर में 600 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करेगा। इसके तहत पर्वतीय विधानसभा क्षेत्रों में 10-10 एवं मैदानी विधानसभा क्षेत्रों में 5-5 शिविरों का आयोजन किया जायेगा। स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन क्षेत्रीय विधायकों की अध्यक्षता में किया जायेगा, जिसकी व्यवस्था जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी को करनी होगी। प्रत्येक विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के 100-100 वैक्सीनेशन केन्द्रों का निरीक्षण भी करेंगे। आम जनता को बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार का मुख्य फोकस अस्पतालों में डाक्टर, दवाई और सफाई पर रहेगा। जिला स्वास्थ्य समितियों की नियमित बैठकें करनी
यह बात प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभागार में सूबे के मुख्य चिकित्साधिकारयों की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि विभाग प्रदेशभर में 600 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करेगा जिसमें विशेषज्ञ डाक्टरों के द्वारा जरूरतमंद लोगों की जांच के साथ ही दवाई भी दी जायेगी। इन शिविरों का आयोजन क्षेत्रीय विधायकों की अध्यक्षता में किया जायेगा जिसके आयोजन की जिम्मेदारी संबंधित जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी की होगी। इसके अलावा प्रत्येक विधायक अपनी विधानसभा क्षेत्र के 100-100 कोविड वैक्सीनेशन केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे। मुख्य चिकित्साधिकारियों को अपने जनपदों में जिला स्वास्थ्य समिति की नियमित बैठकें करने के निर्देश दिये गये, जिनमें क्षेत्रीय विधायक सहित नामित सदस्यों को आमंत्रित करना होगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने कहा कि सरकार प्रदेशवासियों को बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अगले तीन माह तक विशेष अभियान चलायेगी। जिसके तहत डाक्टर, दवाई एवं सफाई पर मुख्य फोकस रखते हुए अस्पतालों का नियमित निरीक्षण किया जायेगा। इस अभियान के तहत स्वयं स्वास्थ्य मंत्री 100 अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगे। जबकि क्षेत्रीय विधायकों को अपनी विधानसभा क्षेत्र के 5-5 अस्पतालों का निरीक्षण करना होगा। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम की तैयारियों की जनपदवार समीक्षा करते हुए स्वास्य मंत्री ने मुख्य चिकित्साधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में अधिकतर मुख्य चिकित्साधिकारयों द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों, एएनएम, स्टाफ नर्स एवं चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की कमी की बात रखी। जिस पर विभागीय मंत्री ने सचिव स्वास्थ्य एवं महानिदेशक स्वास्थ्य को उपरोक्त समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिये। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डा. पंकज पाण्डेय ने बताया कि विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती के प्रयास किय जा रहे हैं तथा एएनएम, स्टाफ नर्स तथा चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की तैनाती एनएचएम के माध्यम से की जा सकती है। जिसकी स्वीकृति पूर्व में ही दी जा चुकी है। उन्होंने प्रदेशभर में आशा हेल्थ वर्कर के रिक्त 150 पदों को तत्काल भरने के निर्देश दिये। बैठक में सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा, निदेशक डा. एस.के. गुप्ता, निदेशक डा. विनीता शाह, सीएमओ पौड़ी डा. मनोज शर्मा, सीएमओ नैनीताल डा. भागीरथी जोशी, सीएमओ उत्तरकाशी डा. के.एस. चौहान, सीएमओ चम्पावत डा. आर.पी. खंडूडी, सीएमओ पिथौरागढ़ डा. हर्ष पंत, सीएमओ देहरादून डा. मनोज उप्रेती, सीएमओ टिहरी डा. संजय जैन, सीएमओ रूद्रप्रयाग डा. बी.के. शुक्ला , सीएमओ हरिद्वार डा. एस.के. झा, सीएमओ ऊधमसिंह नगर डा. डी.एस. पंचपाल, सीएमओ अल्मोड़ा डा. सविता हयांकी, सीएमओ चमोली डा. के.के. अग्रवाल, सीएमओ बागेश्वर डा. सुनीता टम्टा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित र

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी से की भेंट, राज्य के विकास में सहयोग करने पर प्रधानमंत्री का जताया आभार।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। उत्तराखण्ड के सीएम पद की शपथ के बाद प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट करने आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड राज्य के विकास में केन्द्र सरकार के सहयोग पर प्रधानमन्त्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड तीव्र गति से विकास पथ पर आगे बढ रहा है।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री बनने पर धामी को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि युवा नेतृत्व में राज्य का तेजी से चहुंमुखी विकास होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य से संबंधित ज्वलंत मुद्दों के बारे मे बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री को कोविड की सम्भावित तीसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार की तैयारियों के बारै में अवगत कराया। साथ ही चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री की वार्ता निर्धारित 15 मिनिट से अधिक 1 घंटा 15 मिनिट तक चली। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम में कुल 108 करोड़ 78 लाख रूपये की लागत से द्वितीय चरण के निर्माण / पुनर्निर्माण कार्य आरम्भ किए जाने हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से श्री केदारनाथ धाम में द्वितीय चरण के निर्माण / पुनर्निर्माण कार्यों के शिलान्यास/वर्चुअल शिलान्यास के लिए समय प्रदान करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र के सहयोग से राज्य में हेल्थ सेक्टर में सुधार के लिये अनेक महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। एम्स ऋषिकेश उत्तराखण्ड को केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण देन है। कोविड महामारी से लड़ाई में इसकी बड़ी भूमिका रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए कुमायूं मण्डल में भी इसी प्रकार के एक एम्स की स्थापना का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए भूमि उपलब्ध कराएगी। कुमायूं में एम्स की स्थापना से विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं से क्षेत्र की जनता लाभान्वित हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय महत्व की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन के लिये आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की स्वीकृति प्रदान करवाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना से यमुना नदी में जल उपलब्धता बढ़ेगी एवं छः राज्य उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश लाभान्वित होंगे। इस परियोजना को समस्त स्वीकृतियाँ प्राप्त है एवं भारत सरकार के आर्थिक मामलों की कैबीनेट समिति की स्वीकृति प्राप्त होना शेष है, जिसके उपरान्त परियोजना का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा सकता है।

राष्ट्रपति से भी मिले धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।

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जनता भाजपा से ऊब गई, कांग्रेस के पक्ष में माहौल- मारू।

चंबा में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा टिहरी जनपद के आईटी और सोशल मीडिया के प्रभारी जितेंद्र मारो ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी चंबा की बैठक ली जितेंद्र मारू ने कहा 2022 में उत्तराखंड में कांग्रेस के पक्ष में माहौल है उत्तराखंड की जनता भाजपा से उब गई है भाजपा ने नौजवानों के साथ साथ माताओं और बहनों के साथ झूठे वादे किए जो कि एक भी पूरा नहीं हो पाया पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उत्तराखंड के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिस वजह से लोग 2022 में कांग्रेस की वापसी करना चाहते हैं ।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा आज सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी की रीति और नीतियों को जन-जन तक पहुंचाना होगा और भाजपा की नाकामी को उजागर करना होगा ।
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सूरज राणा ने कहा की कांग्रेस पार्टी प्रदेश के अंतिम छोर के व्यक्ति को साथ लेकर विकास की गति को आगे बढ़ाने की नीति अपनाती है जबकि भाजपा आज मात्र पूंजीपतियों की पार्टी बनकर रह गई है।
उपरोक्त कार्यक्रम में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद डोभाल ,नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुमना रमोला, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विक्रम सिंह पवार, आई टी के जिलाध्यक्ष शक्ति प्रसाद जोशी नई टिहरी नगर कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र नौटियाल,प्रवक्ता दीपक चमोली, उत्तम सिंह रावत,रविन्द्र सिंह नेगी,सुधीर बेलवाल आदि लोग उपस्थित थे।

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स्लाइडिंग जोन में लटके पत्थरों को नही हटाये जाने पर डीएम ने जताई नाराजगी, एक सप्ताह में बोल्डर और पत्थरों को हटाने के निर्देश।

नई टिहरी : जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क के ऊपर स्लाइडिंग जोन में लटके पत्थरो को नहीं हटाये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग 58 व 94 के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर चिह्नित बोल्डर्स/पत्थरों को हटाने के निर्देश दिए है। राष्ट्रीय राजमार्ग 707 (ए ) के किसी सक्षम अधिकारी द्वारा बैठक में प्रतिभाग नही करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। कहा आगे से जे०ई० स्तर का कर्मचारी बैठक में प्रतिभाग न करें। जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनकी जो सड़के खस्ताहाल है उनका प्राथमिकता से सुदृढ़ीकरण करना सुनिश्चित करें। हैण्डपम्पों का वेस्ट पानी को सड़क पर न बहे इस हेतु उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सड़कों के किनारे हैण्डपम्प के पास सोखता गड्ढा निर्मित करने के निर्देश दिए है। स्पष्ट किया यदि हैण्डपम्प का पानी सड़क पर बहता दिखाई देता है तो इसकी समस्त उत्तरदायित्व संबंधित विभाग का होगा। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट द्वारा ऐसे 11 संवेदनशील स्थलों के की सूची उपलब्ध कराई जहाँ पर साइनेज/क्रैश बैरियर लगाए जाने नितांत आवश्यक है। बैठक में सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी इन के ओझा द्वारा पावर पॉइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से सड़क सुरक्षा संबंधी आंकड़े प्रस्तुत किये गए। बैठक में अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी, एसडीएम रविन्द्र जवाण्ठा के अलावा लोनिवि, पीएमजीएसवाई, बीआरओ व एनएच के अधिकारी उपस्थित थे।

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कैम्पटी फॉल झरने में सिर्फ 50 लोग ही एक समय में जा सकेंगे, सिर्फ आधे घंटे ही नहा सकेंगे।

नई टिहरी : टिहरी जिले ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक स्थल कैंपटीफाल झरने में अब एक बार में अधिकतम 50 से अधिक पर्यटक नहाने व जलक्रीड़ा का लुफ्त नही ले पाएंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। यही नहीं झरने में नहाने के लिए पर्यटकों को आधे घंटे का समय निर्धारित किया गया है। वंहा लगे हुटर के बजते ही पर्यटकों को ततकाल वापस लौटना होगा।
दरअसल कोविड कफ्र्यू में मिली छूट के बाद कैंपटीफाल में नहाने और घूमने के लिए हर दिन उत्तराखंड ही नहीं बल्कि बाहरी प्रदेशों के सैकड़ों पर्यटक पहुंच रहे है। प्रशासन को शिकायत मिली है कि कैंपटीफाल के झरने में नाहने के दौरान पर्यटक कोविड नियमों का उल्लंघन कर रहे है। यही नहीं बच्चे, महिलाएं और पुरूष तक एक साथ नाह रहे है। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण फैलने की प्रबल आशंका बनी हुई है। मीडिया, सोशल मीडिया पर भी कैंपटीफाल झरने में सैकड़ों पर्यटकों के एक साथ नाहने की फोटो वायरल हुई हैं। जिसके बाद डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव ने वीरवार को आदेश जारी करते हुए में एसएसपी टिहरी और एसडीएम धनोल्टी को कैंपटीफाल आने वाले पर्यटकों की निगरानी करने के लिए चेकपोस्ट स्थापित करने को कहा है। चेकपोस्ट पर कोविड-19 नियमों के तहत पर्यटकों की चेकिंग की जाए। कैंपटीफाल झरने में जाने के लिए एक बार में 50 से अधिक पर्यटकों को जाने की अनुमति न दी जाए। आधे घंटे में पर्यटकों के झरने से वापस लौटने के पश्चात बारी-बारी से 50 पर्यटकों को प्रवेश करने की अनुमति दी जाए।

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केन्द्रीय मंत्रीमंडल में उत्तराखण्ड का कद घटा। निशंक आउट, अजय भटट बने राज्यमंत्री।

केंद्र की मोदी सरकार में बुधवार को मंत्रीमंडल का विस्तार करने के साथ ही बड़ा फेरबदल किया गया। इस विस्तारित मंत्रीमंडल में कुल 43 नए मंत्री बनाये गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रीमंडल का यह पहला विस्तार है। इस पुनर्गठन की विशेषता यही है कि अब तक बड़े मंत्रालय संभाल रहे कई दिग्गज नेताओं को पैदल कर दिया गया है। रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर व हर्षवर्द्धन के अलावा उत्तराखंड के रमेश पोखरियाल निशंक भी मंत्री पद के लायक नहीं समझे गये और उन से इस्तीफा ले लिया गया। उत्तराखंड का कद नये मंत्रीमंडल में छोटा कर दिया गया है। अब तक केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे रमेश पोखरियाल निशंक को हटा कुमाऊं से सांसद अजय भट्ट को राज्य मंत्री के तौर पर मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है।

बुधवार शाम को राषट्रपति भवन में आयोजित समारोह में हुए मंत्रीमंडल के पुनर्गठन में आज कुल 43 मंत्रियों ने शपथ ली। नारायण राणे, सर्बानंद सोनेवाल, डॉ. वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रामचंदर प्रसाद सिंह, अश्विनी वैष्णव, पशुपति कुमार पारस, किरेन रिजिजु, राज कुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडविया,मनसुख मांडविया, भूपेंद्र यादव, पुरुषोत्तम रुपाला, जी किशन रेड्डी, अनुराग सिंह ठाकुरआदि ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके अलावा पंकज चौधरी, अनुप्रिया सिंह पटेल, सत्यपाल सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा करंदलाजे, भानु प्रताप सिंह वर्मा अजय भट्ट आदि ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली।

उत्तराखंड के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में आज़ के फेर-बदल में ख़ुश होने जैसी कोई बात नहीं है। इस विस्तार को उत्तराखण्ड के राजनीतिक कद को छोटा कर दिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले 2019 में रमेश पोखरियाल निशंक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल था। उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय जैसा बड़ा विभाग दिया गया था। अब उन्हें मंत्रीमंडल से बाहर कर अजय भट्ट को शामिल किया गया है, लेकिन कैबिनेट मंत्री की बजाय राज्यमंत्री बनाया गया है। हाल ही में एक के बाद एक मुख्यमंत्री बदले जाने से असहज हुए उत्तराखंड के लोगों के लिए यह जले पर नमक छिड़कने जैसा फैसला है, जिसका असर आगामी चुनावों में दिखाई पड़ सकता है।

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बेहतर कानून व्यवस्था प्राथमिकता हो ,मित्र पुलिस की भूमिका सार्थक हो-संधू।

मुख्य सचिव एस.एस. संधू से मंगलवार को सचिवालय में पुलिस विभाग के समस्त उच्चाधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्य सचिव संधू ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में अपराध एवं कानून व्यवस्था बेहतर है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को पब्लिक डीलिंग के स्तर पर people friendly होना चाहिए, ताकि लोग पुलिस के पास अपनी समस्याएं लेकर आने में न हिचकिचाएं।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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