
उत्तराखंड
शिक्षा विभाग का मानना है कि वेतन, और भत्तों के रूप में हर साल 200 करोड़ से ज्यादा अनुदान लेने के बावजूद अशासकीय शिक्षा का अपेक्षित स्तर नही बना पा रहे हैं। इससे इनकी छात्र संख्या भी लगातार गिरती जा रही हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने सभी प्रदेश के सभी सीईओ को सात बिंदुओ प्रतिदिन समीक्षा के आदेश दिए हैं।उत्तराखंड सरकार से सालाना करोड़ों रुपए अनुदान ले रहे अशासकीय स्कूलों को अब रोज हिसाब देना होगा। सीईओ हर दिन पांच-पांच प्रधानाचार्यो को बुलाकर शैक्षिक गुणवत्ता, शिक्षक और छात्र संख्या की समीक्षा करेंगे।
डीजी बंशीधर तिवारी ने हाल में राज्य के स्कूलों की शैक्षिक समीक्षा के बाद निदेशक को अशासकीय स्कूलों की भी नियमित समीक्षा को कहा था। डीजी की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि प्रदेश में संचालित अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की विभागीय स्तर पर प्रभावी समीक्षा नहीं हो रही है। इस कारण अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में लगातार शिक्षा स्तर न्यून होने के साथ ही छात्र संख्या घटती जा रही है। जबकि राज्य सरकार द्वारा इन स्कूलों में वेतनादि मद में काफी अधिक धनराशि व्यय की जा रही है।
यूं होगी समीक्षा:
01. प्रत्येक कार्यदिवस को 5-5 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को बुलाकर समीक्षा होगी
02. स्कूलों का विगत 5 वर्षों का बोर्ड परीक्षाफल व पास आउट छात्रों के आउटपुट की स्थिति की समीक्षा ।
03. 05 वर्षों की छात्र संख्या व छात्र संख्या घटने-बढ़ने का अनुपात।
04. विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों कार्मिकों की संख्या ।
05 विद्यालय में मासिक वेतन पर होने वाला व्यय
06. विद्यालय की गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए किये जा रहे अभिनव प्रयोग । 07. विद्यालय की अन्य उपलब्धियां ।
अशासकीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए यह निर्णय किया गया है।
आरके कुंवर, शिक्षा निदेशक