
आज का दिन बहुत ऐतिहासिक दिन है । 19 अगस्त 1666 को शिवाजी महाराज औरंगजेब जैसे अत्याचारी शासक की आगरा जेल से निकलकर भागने में सफल हुए थे और उसके पश्चात उन्होंने हिंदवी स्वराज्य का सपना देख कर भारत में हिंदू राज्य स्थापित करने की दिशा में महान कार्य किया था ।
महाराष्ट्र के ही नहीं अपितु पूरे भारत के महानायक थे वीर छत्रपति शिवाजी महाराज। वह एक अत्यंत महान कुशल योद्धा और रणनीतिकार थे। वीर माता जीजाबाई के सुपुत्र वीर शिवाजी का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब महाराष्ट्र ही नहीं अपितु पूरा भारत मुगल आक्रमणकारियों की बर्बरता से आक्रांत हो रहा था। चारों ओर विनाशलीला व युद्ध के बादलों के दृश्य पैदा हो रहे थे। बर्बर हमलावरों के आगे भारतीय राजाओं की वीरता जवाब दे रही थी उस समय शिवाजी का जन्म हुआ। उनका जन्म ऐसे समय में हुआ था जब पूरा भारत निराशा के गर्त में डूबा हुआ था। कहा जाता है कि जिस कालखंड में सेक्युलर राज्य की कल्पना पश्चिम में लोकप्रिय नहीं थी उस समय शिवाजी ने ही हिंदू परम्परा के अनुकूल सम्प्रदाय निरपेक्ष धर्मराज्य की स्थापना की। शिवाजी का जीवन रोमहर्षक तथा प्रेरणास्पद घटनाओं का भंडार है।

जिस समय शिवाजी का जन्म हआ था उस समय पूरे भारत की हालत वास्तव में बहुत ही चिंतनीय व दारूण हो चुकी थी। चारों तरफ हाहाकार मचा था। एक के बाद एक भारतीय राजा मुगलों के अधीन हुये जा रहे थे। बिना युद्ध किये वे उनके गुलाम होते जा रहे थे। मंदिरों को लूटा जा रहा था, गायों की हत्या हो रही थी, नारी अस्मिता तार-तार हो चुकी थी। ऐसे भयानक समय में शिवनेरी किले में माता जीजाबाई ने वीर पुत्र को जन्म दिया। माता जीजाबाई ने बचपन से ही शिवाजी को कहानियां सुनायीं जिसका असर उनके मन पर पड़ा। शिवाजी की निर्भयता का उदाहरण उनके बचपन से ही मिलने लगा था। उन्होंने बीजापुर में सुल्तान के आगे सिर नहीं झुकाया। बस यहीं से उनकी विजय गाथा प्रारम्भ होने लग गयी थी। 16 वर्ष की अवस्था तक आते-आते मुगलों के मन में शिवाजी के प्रति भय उत्पन्न होने लग गया था। बीजापुर दरबार से लौटते समय एक बार उन्होंने रास्ते में एक कसाई जो गायों की हत्या करने के लिये जा रहा था, का हाथ काट दिया था। यह उनकी एक और वीरता निर्भयता का अनुपम उदाहरण था। सन 1642 में रायरेश्वर मंदिर में कई नवयुवकों ने शिवाजी के साथ स्वराज्य की स्थापना करने का निर्णय लिया। सर्वप्रथम तोरण का दुर्ग जीता। उसके बाद उनका एक के बाद एक विजय अभियान चल निकला। 15 जनवरी 1656 को सम्पूर्ण जावली, रायरी सहित आधा दर्जन किलों पर कब्जा किया। सूपा, कल्याण, दाभोल, चोल बंदरगाह पर भी नियंत्रण कर लिया। 30 अप्रैल 1657 की रात्रि को जुन्नरनगर पर विजय प्राप्त की। शिवाजी की सफलताओं से घबरा कर तत्कालीन मुगल शासक ने शिवाजी को आश्वस्ति पत्र भेजा था। लेकिन शिवाजी यही नहीं रूके उनका अभियान तेज होता चला गया। बाद में अफजल खां शिवाजी को पकडऩे निकला लेकिन शिवाजी उससे कहीं अधिक चतुर निकले और अफजल खां मारा गया। इसके बाद शिवाजी के यश की कीर्ति पूरे भारत में ही नहीं अपितु यूरोप में भी सुनी गयी। विभिन्न पड़ावों, राजनीति और युद्ध से गुजरते हुए ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी के दिन शिवाजी का राज्याभिषेक किया गया। भारतीय इतिहास में पहली मजबूत नौसेना का निर्माण शिवाजी के कार्यकाल में माना गया है। शिवाजी की नौसेना में युद्धपोत भी थे तथा भारी संख्या में जहाज भी थे।

शिवाजी भारत के पहले ऐसे शासक थे जिन्होंने स्वराज्य में सुराज की स्थापना की थी। प्रत्येक क्षेत्र में मौलिक क्रांति की। शिवाजी मानवता के सशक्त संरक्षक थे। वे सभी धर्मों का आदर और सम्मान करते थे। लेकिन हिंदुत्व पर आक्रमण कभी सहन नहीं किया। शिवाजी को एक कुशल शासक और प्रबुद्ध सम्राट के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कई बार शुक्राचार्य तथा कौटिल्य को आदर्श मानकर कूटनीति का सहारा लिया। उनकी आठ मंत्रियों की मंत्रिपरिषद थी जिन्हें अष्टप्रधान कहा जाता था। इसमें मंत्रियों के प्रधान को पेशवा कहा जाता था।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक रुपये का सिक्का टकसाल में ढाला

सिक्के की खनक और सिक्के के दो पहलू जैसे बहुत से जुमले हम रोजमर्रा की भाषा में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आज हर किसी की जेब में खनकने वाले सिक्कों को पहले पहल कब और किसने बनाया यह इतिहास के पन्नों में दर्ज है। साल 1757 में 19 अगस्त को ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकात्ता में रुपए का पहला सिक्का बनाया था और कंपनी द्वारा बनाए गए पहले सिक्के को बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया। दरअसल बंगाल के नवाब के साथ एक संधि के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1757 में यह टकसाल बनाई थी।
19 अगस्त की तारीख पर दर्ज कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:
1600 : अहमद नगर पर अकबर का आधिपत्य।
1666 : शिवाजी आगरा में फलों की टोकरी में छिपकर औरंगजेब की कैद से फरार।
1757 : कलकत्ता में ईस्ट इंडिया कम्पनी का पहला एक रुपए का सिक्का टकसाल में बना।
1918 : शंकर दयाल शर्मा का जन्म जो देश के नौवें राष्ट्रपति बने और 1992 से 1997 के बीच देश के इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर रहे।
1919 : अफ़ग़ानिस्तान ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
1949 : भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी बना।
1960 : स्पूतनिक 5 अंतरिक्ष यान से दो कुत्ते और तीन चूहे अंतरिक्ष में भेजे गए। परीक्षण सफल रहा और बाद में यह पांचों जीवित पाए गए।
1964 : संचार उपग्रह सिनकोम 3 का प्रक्षेपण।
1966 : तुर्की में भूकंप से तकरीबन 2400 लोग मरे।
1973 : फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया।
1977 : सोवियत संघ ने सेरी सागान में परमाणु परीक्षण किया।
1978 : ईरान के सिनेमा घर में आग लगने से 422 की मौत।
1999 : भारत की परमाणु नीति के मसौदे से नाराज़ जी-8 के देशों ने सभी तरह की मदद पर रोक लगाने की घोषणा की।
2004: दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल ने अपने शेयर बाजार में उतारे।
2005 : श्रीलंका सरकार और लिट्टे में शांति वार्ता फिर शुरू करने पर सहमति।
2007 : अंतरिक्ष स्टेशन पर गये मिशन एण्डेवर के यात्रियों ने स्पेसवॉक पूरा किया।