
इतिहास
आज ही के दिन समावेशी राजनीति की पहचान रखने वाले ओजस्वी वक्ता के रूप में जन-जन में लोकप्रिय भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथी है। भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी जी का 16 अगस्त 2018 को शाम करीब पांच बजे निधन हो गया था।
भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में शामिल रहे अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने वाजपेयी की सरकार सिर्फ 13 दिन ही रह पाई। 1998 में वे दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार 13 महीने चली। तीसरी बार वे 1999 में प्रधानमंत्री बने और पूरे पांच वर्षों का सफलतम कार्यकाल पूरा किया। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले वाजपेयी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने। नेता के तौर पर उन्होंने देश में गठबंधन की राजनीति को सफल साबित करके दिखाया था। उनके कार्यकाल के दौरान परमाणु परीक्षण से लेकर कारगिल युद्ध में विजय तक देश ने कई उपलब्धियां हासिल की थी।
25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में ही हुई थी। उन्होंने स्नातकोत्तर के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आए और राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन का संपादन किया। 1957 में जनसंघ ने उन्हें तीन लोकसभा सीटों लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से चुनाव लड़ाया। लखनऊ में उनकी हार हुई, मथुरा में जमानत जब्त हो गई लेकिन बलरामपुर सीट से चुनाव जीत कर वे दूसरी लोकसभा के सदस्य बने थे। यह पांच दशक के उनके संसदीय जीवन की शुरुआत थी।
1977 में जनता पार्टी सरकार में विदेश मंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी विशिष्ट पहचान छोड़ी। विदेश मंत्री रहते उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन में हिन्दी में भाषण देकर वैश्विक रूप से मातृभाषा को प्रतिष्ठित करने का कार्य किया। 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ और वे इसके संस्थापक सदस्य एवं पार्टी अध्यक्ष बने। 2009 में उन्होंने राजनीति से संन्यास की घोषणा की। उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। नरेन्द्र मोदी सरकार ने उनके जन्मदिन 25 दिसंबर को गुड गवर्नेंस डे के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

इमरजेंसी के बाद कांग्रेस की हार हुई और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। उन्होंने वाजपेयी को विदेश मंत्री बनाया। इसी दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिन्दी में संबोधित किया। ऐसा करने वाले वे पहले नेता थे। अटल को 13 दिनों के प्रधानमंत्री के तौर पर भी याद किया जाता है।
16 अगस्त का इतिहास भारत में एक भीषण नरसंहार के लिए भी याद किया जाता है. आज के दिन साल 1946 यानी आजादी से ठीक एक साल पहले बंगाल के नोआखली जिले में अचानक दंगे भड़क उठे थे. 72 घंटे चले इस भीषण नरसंहार में करीब 6,000 लोग मारे गए, 20 हजार से अधिक लोग घायल हुए और न जाने कितने लोगों को बेघर होना पड़ा. कहा जाता है कि इस नरसंहार में बंगाल की धरती खून से लाल हो गई थी.
आज का दिन विश्व इतिहास में भी एक भयानक हादसे के रूप में याद किया जाता है. 16 अगस्त 1906 को दक्षिणी अमेरिकी देश चिली में भीषण भूकंपआया. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस भूकंप में करीब 20 हजार लोगों ने अपनी जान गंवा दी.
देश-दुनिया मे 16 अगस्त का इतिहास
1691: अमेरिका में योर्कटाउन, वर्जीनिया की खोज.
1777: अमेरिका ने ब्रिटेन को बेनिंगटन के युद्ध में हराया.
1787: तुर्की ने रूस के विरूद्ध युद्ध की घोषणा की.
1886: राम कृष्ण परमहंस देव ने गोधूलि वेला में अंतिम सांस ली.
1924: नीदरलैंड-तुर्की के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर.
1960: साइप्रस को ब्रिटेन से मुक्ति मिली. वहां इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाता है.
1990: चीन ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया.
2000: वेरेंटर्स सागर में रूस की परमाणु पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त.
2003: लीबिया ने लाकरवी बम विस्फोट की ज़िम्मेदारी ली.
2008: कॉन्गो में तैनात 125 भारतीय पुलिस अफ़सरों को संयुक्त राष्ट्र शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
2012: विकीलीक्स के संस्थापक जुलियन असांजे को इक्वाडोर ने राजनयिक शरण दी.