आज का इतिहास: आज ही के दिन पहली बार किसी एशियाई देश में ओलिंपिक खेलों का हुआ आयोजन , भारत ने पाकिस्तान को हराकर हॉकी में जीता था गोल्ड

इतिहास

10 अक्टूबर 1964 को जापान की राजधानी टोक्यो में ओलिंपिक खेलों की शुरुआत हुई थी। एशिया में होने वाले ये पहले ओलिंपिक थे। 24 अक्टूबर को इन खेलों का समापन हुआ था।दरअसल, 1940 के ओलिंपिक खेलों के लिए टोक्यो को चुना गया था, लेकिन चीन के जापान पर हमला करने की वजह से ओलिंपिक की मेजबानी हेलिंस्की को दी गई। बाद में विश्वयुद्ध की वजह से 1940 और 1944 के ओलिंपिक खेल नहीं हो सके। 15 दिन तक चले इन खेलों में 93 देशों के 5 हजार 151 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। 20 खेलों में 163 इवेंट्स का आयोजन किया गया, जिसमें पहली बार जूडो और वॉलीबॉल को शामिल किया गया।

इन खेलों में सोवियत यूनियन 96 मेडल जीतकर टॉप पर रहा। अमेरिका 90 और जर्मनी 50 मेडल के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। भारत को केवल एक ही मेडल हॉकी में मिला। हॉकी के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर 1960 के रोम ओलिंपिक का बदला लिया।

अंतत: 1964 में किसी एशियाई देश में ओलिंपिक खेलों का आयोजन हुआ। दूसरे विश्वयुद्ध की भयावहता को याद करने के लिए 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा में जन्मी योशिनोरी सकाई को मशाल जलाने के लिए चुना गया था। हिरोशिमा में 6 अगस्त 1945 को ही परमाणु बम फेंका गया था। टोक्यो ओलिंपिक पहला ऐसा ओलिंपिक था, जिसका प्रसारण सैटेलाइट का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका और यूरोप में किया गया। इन खेलों से दक्षिण अफ्रीका को अपनी रंगभेदी नीतियों की वजह से बाहर कर दिया गया।
15 दिन तक चले इन खेलों में 93 देशों के 5 हजार 151 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। 20 खेलों में 163 इवेंट्स का आयोजन किया गया, जिसमें पहली बार जूडो और वॉलीबॉल को शामिल किया गया।

इन खेलों में सोवियत यूनियन 96 मेडल जीतकर टॉप पर रहा। अमेरिका 90 और जर्मनी 50 मेडल के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। भारत को केवल एक ही मेडल हॉकी में मिला। हॉकी के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर 1960 के रोम ओलिंपिक का बदला लिया।

2014: कैलाश सत्यार्थी को नोबेल की घोषणा

आज का दिन भारत के लिए बेहद खास है। बचपन बचाओ आंदोलन चलाने वाले कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। उन्हें ये पुरस्कार पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के साथ दिया गया था। इससे भारत में बाल अधिकारों के लिए किए गए उनके कामों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली थी।

10 अक्टूबर : इंजीनियरिंग का कमाल, हुगली नदी पर केबल से बना देश का सबसे बड़ा सेतु
नयी दिल्ली, दस अक्टूबर (भाषा) इतिहास में दस अक्टूबर का दिन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में देश के विशेषज्ञों की एक बड़ी उपलब्धि से जुड़ा है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) को औद्योगिक शहर हावड़ा से जोड़ने के लिए बनाए गए विद्यासागर सेतु को 1992 में आज ही के दिन यातायात के लिए खोला गया था। मानवीय कौशल का अनुपम उदाहरण माना गया यह पुल उस समय केबल से बना देश का सबसे बड़ा पुल था।

10 अक्टूबर की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाएं इस प्रकार है:-

1845 : अमेरिका की नौसेना को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए जार्ज बेनक्रोफ्ट ने एनापोलिस, मैरीलैंड में नौसैन्य अकादमी की स्थापना की।

1846 : ब्रिटेन के खगोलविद् विलियम लासेल ने नेपच्यून ग्रह के सबसे बड़े उपग्रह ट्राइटन की खोज की।

1911 : क्रांतिकारियों के एक समूह ने चीन के वूचांग में बगावत का बिगुल फूंक दिया, जिसे चीन की क्रांति की औपचारिक शुरूआत माना जाता है। यह एक ऐसी लोकतांत्रिक बगावत थी, जिसने चिंग साम्राज्य का तख्ता पलट दिया।

1911 : पंडित मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में वाराणसी में पहले अखिल भारतीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया।

1954: भारतीय सिने जगत की सदाबहार अभिनेत्री रेखा का जन्म। रेखा ने दक्षिण भारतीय फिल्मों से शुरुआत करने के बाद हिंदी सिनेमा में अपनी अदाकारी से मील के कई पत्थर स्थापित किए।

1970 : फिजी ने ग्रेट ब्रिटेन से आजादी हासिल की।

1978 : रोहिणी खडिलकर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाली पहली महिला बनीं।

1980 : उत्तरी अल्जीरिया के शहर अल अस्नाम में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए। 20,000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका।

1991 : भारत ने विश्व कैरम चैंपियनशिप में टीम खिताब जीता।

1992 : कलकत्ता (अब कोलकाता) को हावड़ा से जोड़ने के लिए हुगली नदी पर बने विद्यासागर सेतु को खोला गया। केबल से बने देश के इस सबसे बड़े सेतु के निर्माण में करीब 13 साल लगे।

2011: प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह का निधन।

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