अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत, 40 से अधिक लापता

भारी बारिश की चेतावनी के बीच अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 50 लोग लापता हो गए हैं। बादल फटने के बाद पहाड़ से आया सैलाब श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए 3 लंगरों समेत करीब 40 टेंट बहा ले गया। सैलाब गुफा के सामने श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए टेंटों के बीचों-बीच निकला। सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। बाढ़ की चपेट में आए शिविर के टेंटों से निकालकर लोगों को फौरन पहाड़ की ढलान तक सुरक्षित पहुंचाया गया। कई लोगों को बचाया गया है। घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। हादसे के समय गुफा के पास करीब पांच हजार लोग मौजूद थे। यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। हालात को देखते हुए रेस्क्यू दल रात को बर्फीले पानी और अत्यधिक ठंड के बावजूद राहत एवं बचाव कार्य जारी रखेंगे।अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार शाम 5.30 बजे अमरनाथ गुफा से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर बादल फटा। इससे गुफा के सामने से बहने वाले नाले में आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। पवित्र गुफा के ठीक सामने यात्रियों के लिए टेंट सिटी (यात्री शिविर) बनाई गई है। यहां एक टेंट में चार से छह लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। तेज बहाव में आया पानी दर्जनों टेंटों को साथ बहा ले गया। 

बाढ़ के साथ तीन लंगर और 40 के करीब टेंट बह गए

हादसे के समय बारिश हो रही थी और ज्यादातर यात्री टेंट के भीतर थे। बाढ़ के साथ तीन लंगर और 40 के करीब टेंट बह गए। यात्रियों में भगदड़ के साथ चीख-पुकार मच गई। आपदा प्रबंधन दलों ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया। बाढ़ से बचने के लिए यात्री टेंट छोड़ पहाड़ की ढलान पर चढ़ गए। पुलिस के अनुसार तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू दल ने अभी तक 15 शव निकाल लिए हैं। 

घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा

इनमें से ज्यादातर अमरनाथ यात्री हैं। घायलों को एयरलिफ्ट किया गया है। लापता लोगों की संख्या काफी है, जिसके चलते अंधेरा होने के बावजूद रात को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा। वहीं, यात्रा मार्ग भी कई जगहों पर बह गया है। ऐसे में फंसे हुए यात्रियों को अलग-अलग रेस्क्यू दल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर रही हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल के अनुसार एनडीआरएफ की एक टीम पवित्र गुफा के पास तैनात थी, जो रेस्क्यू में जुट गई है। दूसरी टीम भी मौके पर पहुंच गई है जबकि तीसरी टीम भी रवाना कर दी गई है।

सेना की छह बचाव टीमें मौके पर, 48 घायल 

बादल फटने की घटना के बाद सेना की छह बचाव टीमें मौके पर लगी हुई हैं। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि 48 घायलों को उपचार के लिए भेजा गया है। छह टीमें राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। दो अतिरिक्त चिकित्सा दल को रवाना किया गया है। लापता लोगों को खोजने के लिए डॉग स्क्वायड लगाए गए हैं।

प्रशासन ने कहा-  सुरक्षित जगह पर रुकें 

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने सभी भक्तों से संयम रखने को कहा है। बोर्ड ने कहा है कि जिस स्थान पर भी यात्री हैं वह सुरक्षित जगह पर रुकें। सेना, एनडीआरएफ समेत सभी अर्धसैनिक बल रेस्क्यू कर रहे हैं। सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जागएा। डर का माहौल न बनाए और सतर्क रहें।

तीनों बेस अस्पताल में चल रहा घायलों का इलाज 

गांदरबल जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अफरोज शाह ने बताया कि 40 से अधिक लोग घायल हुए है। 13 लोगों की जान चली गई है। सभी घायलों का तीनों बेस अस्पतालों में ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी में इलाज चल रहा है। सभी की हालत स्थित है। इलाज के लिए सभी इंतजाम किए हैं। अस्पताल में 28 डॉक्टर, 98 पैरामेडिक्स, 16 एंबुलेंस मौजूद होने के साथ एडीआरएफ की टीमें भी मौजूद हैं। 

गृहमंत्री ने उपराज्यपाल से की बात 

गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अमरनाथ गुफा में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के बारे में जानकारी ली। शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। 

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