सहकारिता में भर्ती घोटाला उजागर, फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सभी नियुक्तियां रद्द करने के निर्देश

उत्तराखंड

प्रदेश में भर्ती घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हरिद्वार में तो फिर से सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हुआ है। चुड़ियाला साधन सहकारी समिति और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में कुल नौ लोगों की गलत तरीके से नियुक्तियां कर दी गई। चहेतों को फिट करने के लिए नियमों को ताक पर रखा गया। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद नौकरी पा चुके कर्मचारियों की नियुक्तियां को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश हो गए हैं। जनपद में 43 सहकारी समितियां हैं। इन समितियों में किसानों को खाद और अन्य सहकारी सेवाएं किसानों व ग्रामीणों को दी जाती हैं, लेकिन समितियों में करीबियों को नौकरी देने के लिए मानकों की धज्जियां उड़ रही हैं। खास बात यह है कि न तो कोई परीक्षा कराई कराई जा रही है और न ही स्टापिंग पैटर्न को अपनाया जा रहा।समितियों के घाटे और कमाई को भी दरकिनार करते हुए भर्तियां की जा रही हैं। ऐसी ही एक शिकायत चुड़ियाला और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में हुई नियुक्तियों को लेकर की गई थी। शिकायत पर जिला सहायक निबंधक ने जांच बिठाई थी। अपर जिला सहकारी अधिकारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया। 

कमेटी की जांच में भगवानपुर विकासखंड क्षेत्र की चुड़ियाला साधन सहकारी समिति में चार और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में पांच कर्मचारियों की नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति देने की पुष्टि हुई। दोनों समितियों में वर्ष 2017-18 में कर्मचारियों को बिना चयन प्रक्रिया अपनाए तैनाती दी गई। अब चार साल बाद फर्जी ढंग से भर्ती हुए कर्मचारियों की नियुक्ति को निरस्त करने के आदेश हो गए हैं। 

कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश संबंधित समिति के सचिवों को दे दिए गए हैं। यदि उनके आदेशों के बाद भी कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है तो उसके जिम्मेदार वह स्वयं होंगे। 
– राजेश चौहान, जिला सहायक निबंधक, सहकारी समितियां उत्तराखंड

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