Uttarakhand
श्री केदारनाथ धाम में मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्णमंडित किए जाने का वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर को दानदाता द्वारा अपनी आस्था से दान दिया जा रहा है।मंदिर को मिल रहे दान का विरोध उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कई दशकों पूर्व मंदिर घास-फूस से ढका रहता था, धीरे-धीरे मंदिर की छत पर पहले टिन लगाए गए अब तांबे के पतर हैं। गर्भ गृह की छत्र, जलेरी, क्षत्र को स्वर्ण मंडित किया जाना मान्यताओं के अनुकूल है। श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत सोने की चिड़िया रहा। केदारनाथ धाम में महाभिषेक पूजाओं में विभिन्न आभूषण, रत्न चढ़ते हैं। भगवान को भक्त का अटूट रिश्ता है दानदाता स्वैच्छा से सोना चांदी भेंट करते हैं। केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के अंदर सोना चढाए जाने पर हो रहे विरोध को समझ से परे है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम के गर्भ गृह दीवारों,जलेरी छत्र को स्वर्ण मंडित किये जाने का स्वागत किया जाना चाहिए। केदारनाथ मंदिर में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय की पहल पर महाराष्ट्र के एक दानदाता ने केदारनाथ मंदिर गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने की इच्छा जताई थी। प्रदेश सरकार की अनुमति के बाद स्वर्णजड़ित करने के लिए मंदिर समिति ने प्रथम चरण का कार्य शुरू किया है।
केदारनाथ तीर्थपुरोहितों ने बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ को ज्ञापन देकर मंदिर में सोना लगाने के काम को रोकने की मांग की है साथ ही तीर्थपुरोहितों से बैठक करते हुए उन्हें विश्वास में लेकर ही आगे कार्य करने की मांग की गई। बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह को दिए ज्ञापन में केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती ने कहा कि केदारनाथ मोक्ष धाम है।
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में सोना धातु अलंकृत करना हक हकूकधारियों के साथ ही परम्पराओं के विरुद्ध है। बिना हक हकूकधारियों एवं तीर्थपुरोहितों को विश्वास में लेकर किए जा रहे कार्य का विरोध किया जाएगा। उन्होंने शीघ्र इस कार्य को रोकने की मांग की। इधर, बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि तीर्थपुरोहित अपनी कोई बात रखना चाहते हैं तो इसके लिए उनके साथ वार्ता की जाएगी।