
युवा मुख्यमंत्री और खुर्राट सूचना विभाग, अपने ही सीएम से मीडिया के बीच दूरी के लिए दीवार पुख्ताकरण नीति का नया फरमान। इसबार तो खुफिया (अभिसूचना इसी को कहते हैं शायद!) विभाग को भी साथ ले लिया है सुरक्षा के नाम पर।
मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के हैं, आम जनता की उनसे अपेक्षाएं बहुत हैं, शिकवा शिकायतें क्या दूसरे राज्यों में जाकर करें।
कोश्यारी जी सिंचाई और ऊर्जा मंत्री थे। टिहरी में ग्रामीण पुनर्वास के लिए आंदोलन कर रहे थे। बांध का काम ठप्प किया गया था। गिरफ्तारी होने वाली थी तो अचानक सुन्दर लाल बहुगुणा जी वहां पहुंच गये। (कैसे यह शीशपाल गुसाईं बता सकते हैं) उन्हें सादर गिरफ्तार करके नरेन्द्र नगर गेस्ट हाउस और कई दिनों से संघर्ष कर रहे ग्रामीणों को नई टिहरी जेल।
कोश्यारी जी को फोन किया तो उन्होंने कहा मैं बहुगुणा जी से मिलने नरेन्द्र नगर आ रहा हूं। आंदोलन बहुगुणा जी का नहीं है। विस्थापितों का है, वे नई टिहरी जेल में हैं, आपको मिलना है तो आकर इनसे मिलिए।
उन्होंने पूछा वे बात करेंगे,
क्यों नहीं।
वह आये और नई टिहरी जेल में आकर फर्श पर बैठकर बातचीत की।
बहुत सारी समस्याओं का समाधान हुआ कुछ बाकी हैं। इन्हें समस्याएं नहीं दायित्व समझना चाहिए।
इस दायित्वबोध के बीच किसी को नहीं आना चाहिए।