
उत्तराखंड
पुलिस सेवा से रिटायरमेंट के बाद प्रदेश के युवाओं को पुलिस-सेना भर्ती की निशुल्क ट्रेनिंग देने वाले पूर्व आईपीएस जीएस मर्तोलिया के कंधों पर अब नौकरी देने की जिम्मेदारी आ गई है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती हो या हाल में हुई स्नातक स्तरीय भर्ती, वन दरोगा, सचिवालय रक्षक सेवा भर्ती पेपर लीक होने के बाद आयोग के प्रति युवाओं का भरोसा खत्म हो गया। आयोग के पूर्व अध्यक्ष एस राजू के इस्तीफे के बाद सचिव संतोष बडोनी को सरकार ने सस्पेंड किया हुआ है। सरकार ने समूह-ग की भर्तियों की जिम्मेदारी आयोग से लेते हुए राज्य लोक सेवा आयोग को दी हुई है। ऐसे हालात में कुर्सी संभालने वाले पूर्व आईपीएस जीएस मर्तोलिया पूरे प्रकरण पर काफी गंभीर हैं।
कौन हैं पूर्व आईपीएस जीएस मर्तोलिया
गणेश सिंह मर्तोलिया वर्ष 1984 में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर चयनित हुए थे। पुलिस उपाधीक्षक व अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, वाराणसी, पीलीभीत, एटा, गजियाबाद और उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, देहरादून व हरिद्वार समेत कई जिलों में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं।वर्ष 2005 में भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नत (प्रमोशन) कर पुलिस अधीक्षक, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, कमांडेंट 46वीं वाहिनी पीएसी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून के पद पर नियुक्त रहे। वर्ष 2012 में पुलिस उप महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत होकर पिथौरागढ़ रेंज, आपदा प्रबंधन कुमाऊं रेंज, सीआईडी, कुमाऊं परिक्षेत्र में नियुक्त रहे।