
उत्तराखंड
देश का आखिरी गांव नहीं रहा ‘उत्तराखंड का माणा’, क्योंकि अब यह भारत का पहला गांव बन गया है. सीमा सड़क संगठन ने उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर बसे सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर ‘भारत का प्रथम गांव’ होने का साइन बोर्ड लगा दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, ‘अब माणा देश का आखिरी नहीं बल्कि प्रथम गांव के रूप में जाना जाएगा.’
बताते चलें कि 21 अक्तूबर 2022 को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माणा गांव को भारत के अंतिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहा था। पीएम मोदी ने कहा था कि सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव कहलाएगा।
पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया है। लोग माणा आएं, यहां डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बता चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्य योजनाएं जिला प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायतों के सहयोग से तैयार की गई हैं। इससे इन क्षेत्रों के उत्पादों जड़ी-बूटियों, सेब, राजमा सहित फसलों के साथ-साथ यहां विकास की संभावनाओं को पंख लगेंगे। इन क्षेत्रों में एक गांव एक उत्पाद योजना के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने में मददगार होगी और हमारे सीमांत क्षेत्रवासी देश की सुरक्षा में भी भागीदारी निभा सकेंगे।