नए अकादमिक सत्र के दाखिलों की तैयारियों के बीच गढ़वाल विश्वविद्यालय ने अपने 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को इसी सत्र से कर दिया असंबद्ध

उत्तराखंड

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने फरवरी माह में जिन 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों में नए सत्र के दाखिले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) से कराने का पत्र भेजा था, उन्हीं कॉलेजों को अब कार्यकारी परिषद की बैठक से असंबद्ध कर दिया है। अब कॉलेज प्रशासन का कहना है कि दाखिलों की तैयारी के बीच यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वह दाखिले कैसे करेंगे।

इन कॉलेजों की संबद्धता हुई खत्म

गढ़वाल केंद्रीय विवि ने जिन अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता खत्म की, उनमें देहरादून का डीएवी, डीबीएस, एमकेपी, एसजीआरआर पीजी कॉलेज, डीडब्ल्यूटी कॉलेज, एमपीजी कॉलेज मसूरी, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज हरिद्वार, चिन्मय डिग्री कॉलेज हरिद्वार, बीएसएम कॉलेज रुड़की, राठ महाविद्यालय पैठाणी, पौड़ी गढ़वाल शामिल हैं।

दून के 70 से 80 प्रतिशत छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा के लिए डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और एसजीआरआर पीजी कॉलेज पर निर्भर हैं। इन कॉलेजों की उत्तराखंड बनने से पूर्व से गढ़वाल विवि से संबद्धता है। इन कॉलेजों में दाखिले के लिए हजारों छात्र-छात्राएं सीयूईटी यूजी-पीजी दे चुके हैं। अब इन कॉलेजों की मान्यता समाप्त करने का निर्णय हो चुका है।

डिग्री कॉलेजों को नया सत्र शुरू होने से ठीक पहले विवि से असंबद्ध करने के फैसले को लेकर बुधवार को हड़कंप मचा रहा। कॉलेज प्रशासन के साथ ही छात्र भी चिंतित नजर आए। उनका कहना था कि सीयूईटी देने के बाद अब वह कहां जाएंगे। उधर, श्रीदेव सुमन विवि में दाखिलों के समर्थ पोर्टल पंजीकरण की अंतिम तिथि भी 24 जून है।

डीएवी कॉलेज प्रशासन को अभी कार्यकारी परिषद के फैसले के संबंध में अभी कोई पत्र विवि या सरकार से नहीं मिला है। अगर श्रीदेव सुमन विवि से संबद्धता लेनी पड़ी तो इसमें कई माह का समय लग सकता है। ऐसे में इन दस कॉलेजों में दाखिले कैसे होंगे, किसी को नहीं पता। डीएवी कॉलेज प्राचार्य डॉ. केआर जैन का कहना है कि विवि के पत्र के हिसाब से हमने नए सत्र के दाखिलों की तैयारी शुरू कर दी थी। सत्र शुरू होने से ठीक पहले विवि ने असंबद्धता का निर्णय लिया है, जिससे असमंजस है।

ऑल इंडिया अन एडेड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि गढ़वाल विवि ने 10 एडेड कॉलेजों को वर्तमान सत्र 2023- 24 से असंबद्ध करने का प्रस्ताव पास करना समझ से परे है। अगर कॉलेजों को असंबद्ध करना ही था तो इसके लिए उपयुक्त समय होना चाहिए था। अब जबकि इन कॉलेजों में प्रवेश के लिए छात्रों ने सीयूईटी परीक्षा दे दी है, प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में इस उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकते। अगर ये कॉलेज श्रीदेव सुमन विवि से संबद्धता लेंगे तो समर्थ पोर्टल की अंतिम तिथि 24 होने की वजह से यहां भी छात्र वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विवि के एक्ट में ये प्रावधान है कि सभी कॉलेजों की संबद्धता यथावत रहेगी। सत्र शुरू होने के इस समय में असंबद्धता पर गढ़वाल विवि, राज्य सरकार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को तुरंत स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

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