
उत्तराखंड
ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कोर्ट ने कहा- हम हाईकोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें? कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि ASI सर्वे पर ऐतराज क्यों है? सर्वे से मुस्लिम पक्ष को कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है। सिर्फ यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि सर्वे होने दीजिए। रिपोर्ट को सील कवर में जमा होने दीजिए। कोर्ट ने कहा कि सर्वे गैर आक्रामक तरीकों से होना चाहिए।

ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। शीर्ष कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मुस्लिम पक्ष की ओर से सर्वे की इजाजत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएसआई ने स्पष्ट किया है कि पूरा सर्वेक्षण बिना किसी खोदाई और संरचना को बिना कोई नुकसान पहुंचाए पूरा किया जाएगा।
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद गुरुवार सुबह 8 बजे से ज्ञानवापी में ASI की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया था। 4 घंटे बाद यानी 12 बजे नमाज के लिए सर्वे को रोक दिया। अब दोपहर 3 बजे से फिर सर्वे शुरू हो गया। इस बार ASI टीम में 61 सदस्य हैं। यानी पिछली बार की तुलना में 40 सदस्य ज्यादा।
ज्ञानवापी परिसर को 4 ब्लॉक में बांटा गया है। चारों तरफ कैमरे लगाए हैं। वीडियोग्राफी की जा रही है। ज्ञानवापी की पश्चिम दीवार पर सबसे ज्यादा फोकस है। दीवार की बारीक स्कैनिंग की जा रही है। कलाकृतियों को देखा जा रहा है। ASI के साथ हिंदू पक्ष अंदर है। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने सर्वे में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी नहीं पहुंचा। जुमा की नमाज को देखते हुए प्रदेश में हाईअलर्ट है। ज्ञानवापी के आसपास भारी संख्या में फोर्स तैनात है। वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने ASI को सर्वे करके 4 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। लेकिन, मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट पहुंच गया। ASI सर्वे नहीं कर पाया। ऐसे में हलफनामा दायर करके कोर्ट में और वक्त मांगा गया है।
गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति दी थी। जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा, ‘न्यायहित में सर्वे जरूरी है। मुझे इस तर्क में कोई दम नहीं दिखता कि बिना दीवार खोदे ASI नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।’ कोर्ट ने सर्वे रोकने की अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी थी। इस बीच, हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश पर ASI ने 24 जुलाई को ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया था। उस वक्त ASI की 20 सदस्यीय टीम थी। हालांकि, कुछ घंटे बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी थी। ASI टीम के जो फुटेज सामने आए थे, उसमें वह फावड़ा अंदर लेकर जाते हुए नजर आए थे। हालांकि, हाईकोर्ट ने अब खुदाई नहीं करने की बात कही है, ताकि परिसर को क्षति न हो।
- अब परिसर की खुदाई नहीं होगी। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें रेडियो वेव की फ्रीक्वेंसी के जरिए पता चल जाता है कि जमीन या दीवार के अंदर क्या है।
- कार्बन डेटिंग पद्धति से भी साक्ष्यों की जांच की जाएगी।
- दीवारों, नींव, मिट्टी में रंग परिवर्तन की भी जांच करेंगे।