
उत्तराखंड
चारधाम यात्रा 2024 के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आज रविवार को जोशीमठ के गाडूघड़ा (तेल कलश) नृसिंह मंदिर से पूजा-अर्चना के बाद योग बद्री पांडुकेश्वर के लिए रवाना हो गए हैं। पांडुकेश्वर में कुबेर महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तेल कलश का स्वागत किया।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि नरेंद्रनगर राजमहल में वसंत पंचमी को तय होनी है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। 14 फरवरी को ही डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि तेल कलश राजमहल को सौंपेंगे।
बाद में राजमहल से कलश में तिलों का तेल भरकर बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाता है। कपाट खुलने के बाद इसी तेल से भगवान बदरी विशाल की महाभिषेक पूजा होती है। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि रविवार को तेल कलश नृसिंह मंदिर के भंडार से डिमरी पंचायत प्रतिनिधियों को सौंपा गया।
नृसिंह मंदिर व वासुदेव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद वह योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे, जहां बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने पूजा-अर्चना संपन्न की। इससे पहले कुबेर देवरा समिति ने फूल मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। सोमवार सुबह तेल कलश पहले नृसिंह मंदिर और फिर दिन के भोग के बाद लक्ष्मी-नारायण मंदिर डिम्मर पहुंचेगा।
13 फरवरी को कलश डिम्मर से ऋषिकेश और 14 फरवरी की सुबह नरेंद्रनगर राजमहल पहुंचेगा। वहां मंदिर के कपाट खुलने की तिथि के साथ तेल कलश यात्रा की भी तिथि तय होगी। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि रविवार को तेल कलश नृसिंह मंदिर के भंडार से डिमरी पंचायत प्रतिनिधियों को सौंपा गया।