
उत्तराखण्ड
प्रसिद्ध कलाकार घनानंद घन्ना का निधन ,चार दिन से थे वेंटिलेटर पर
प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का निधन हो गया है। गंभीर हालत में उन्हें देहरादून स्थित श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वह पिछले चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे। डॉक्टर क्रिटिकल केयर यूनिट में उनकी निगरानी कर रहे थे।
आवाज सुनो पहाड़ों की कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक बलबीर सिंह पंवार और संयोजक नरेंद्र रौथाण ने बताया कि घन्ना भाई को पूर्व में पेसमेकर लगाया गया था। उसके बाद से वह अस्पताल में नियमित तौर पर हृदय संबंधी जांच करा रहे थे। कुछ दिन पूर्व उन्हें यूरिन में ब्लड आने की समस्या हुई। सामान्य जांच के लिए वह अस्पताल पहुंचे, जहां रक्त चढ़ाने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया।
प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद का आज इंद्रेश अस्पताल में निधन हो गया. उन्हें प्रोस्टेट की दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मगर कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनका निधन हो गया. हास्य कलाकार घनानंद के निधन पर प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने शोक जताया है. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर पहाड़ी गीत लिखकर हास्य कलाकार घनानंद को याद किया.
उन्होंने लिखा ‘अफु रवे भि होलू पर हमेशा हमथें हैंसाणु रै, पर आज हम सब्बू थें रूले गे…दुःखद खबर. अभी डॉक्टर्स द्वारा डिक्लियर करे गै कि हमारा बीच का प्रसिद्ध हास्य कलाकार घन्ना भाई अब हमारा बीच नि रैनि, भगवान ऊँका परिवार थें ये दुःख सहन करणा कि शक्ति प्रदान करों..ॐ शांतिः’.
कई उत्तराखंडी फिल्मों में किया अभिनय
उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद का जन्म 1953 में गढ़वाल मंडल में हुआ था। उनकी शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन, जिला पौड़ी में हुई। उन्होंने 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगडवाल, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि और यमराज शामिल हैं। घनानंद ने 1974 में रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर भी कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। घना भाई ने 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, वे भाजपा के लिए स्टार प्रचारक के रूप में सक्रिय रहे। आज 11 फरवरी 2025 को उनकी मृत्यु हो गई है.