
श्रीनगर गढ़वाल
किताब कौथिग पर सियासत भारी, एनएसयूआई ने जताई नाराजगी
गढ़वाल केंद्रीय विवि के बिड़ला परिसर में किताब कौथिग को रद्द किए जाने पर छात्र संगठन एआईडीएसओ के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विवि में पुस्तक मेले को को रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
किताब कौथिग स्थगित होने पर बिफरी एनएययूआई
पौड़ी। एनएसयूआई श्रीनगर में होने वाले किताब कौथिग स्थगित किए जाने पर बिफर गई है। उन्होंने श्रीनगर प्रशासन पर साहित्यिक आयोजन में पक्षपात किए जाने का आरोप लगाया। कहा शिक्षा के हब में इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। एनएसयूआई ने किताब कौथिग के आयोजनकर्ताओं से पौड़ी में यह कौथिग करवाए जाने की अपील की है।
श्रीनगर गढ़वाल में 15 और 16 फरवरी को होने वाले किताब कौथिग राजनीति की भेंट चढ़ गया है। मेले के आयोजन के लिए अनुमति नहीं मिलने के कारण आयोजकों ने किताब कौथिग को स्थगित कर दिया है।
श्रीनगर गढ़वाल में होने वाले किताब कौथिग को निरस्त कर दिया गया है. प्रशासन की ओर से किताब कौथिक की अनुमति न मिलने के कारण इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. श्रीनगर गढ़वाल में 15-16 फरवरी को रामलीला मैदान में किताब कौथिक का आयोजन होना था. किताब कौथिक कार्यक्रम में गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाले थे. साथ ही किताब कौथिक में हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही लोकभाषा के 40 से अधिक प्रकाशक आने वाले थे.
प्रशासन ने दिया जवाब:किताब कौथिग को लेकर प्रशासन ने बताया- कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया में भ्रान्ति फैलाने की कोशिश की जा रही है, जो उचित नहीं है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को 15 और 16 फरवरी को जनजागरण कार्यक्रम श्रीनगर के रामलीला मैदान में कराने की अनुमति विधिवत रूप से दी गई है. इस पर सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं है. उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा ने कहा-
किताब कौथिग के आयोजकों की ओर से उनके समक्ष 12 फरवरी तक कोई भी आवेदन इससे संबंधित प्रस्तुत नहीं किया गया, इसलिए आवेदन निरस्त किए जाने की बात भी निराधार है.श्रीनगर में 15 और 16 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित होने से इन तिथियों में यहां किताब कौथिग की अनुमति नहीं दी गई. आरएसएस की ओर से इस मैदान में कार्यक्रम के लिए पूर्व में आवेदन किया गया था. उपजिलाधिकारी की ओर से एसएचओ श्रीनगर से सभी आवश्यक बिंदुओं पर आख्या मांग लिए जाने के बाद संघ को रामलीला मैदान में कार्यक्रम के आयोजन के लिए 10 फरवरी को अनुमति दे दी गई.
किताब कौथिग के लिए शिक्षा नगरी में परमिशन नहीं मिलने पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगीने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा-
“किताब कौथिग के लिए इजाजत न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. श्रीनगर शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र है, मैनें सुना है कि भाजपा के जुड़े विद्यार्थी परिषद के दवाब में प्रशासन ने किताब कौथिग की इजाजत नहीं दी है”